पूर्व कुलपति प्रो. डीपी तिवारी एवं प्रो.अमेरिका सिंह के मध्य शिष्टाचार भेंटवार्ता
27 Mar, 2024
होली
आई है
रंग गया आकाश
खड़ा में द्वार पर
सोचता रहा
क्यों ना आई आप?
सपना देखा
था मैंने
रंगों के ताज में
अबीर की खुशबू में
फागुन की राग में
तुम होगी
मेरे संग
होली आई हैं
क्यों ना आई आप?
पिचकारी हुई मौन
फूलों का थाल लिए
मैं रहा निहार
कर रहा विचार
क्यों नहीं आप?
ख्वाब यह
दिल का क्यों ना
हुआ साकार?