GMCH STORIES

कविता होली के तरंग 

( Read 1907 Times)

25 Mar 21
Share |
Print This Page

-लक्ष्मीनारायण खत्री

कविता होली के तरंग 

होली 

के रंग 

सजे गोरी तेरे संग 

होली 

की गाऊँ मैं फाग 

साथ तेरी हो राग 

होली

का बजाऊ मैं चंग

साथ तेरी उमंग

होली

की गटकू भांग 

साथ तेरी तरंग 

होली 

के फागुन मे

मैं मग्न,

साथ तेरे योवन 

का अगन।

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Literature News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like