मंगलवार को सुभाष नगर में गोकुल चन्द जी मित्तल के मरणोपरांत उनके पोते ने नेत्रदान करवाया । दो दिन बाद घर के सभी रिश्तेदारों, समाज के लोगों के साथ घर पर ही शोक सभा का आयोजन था । शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्य नेत्रदानी परिवार के सम्मान के लिये उनके निवास पर पहुँचे। गोकुल चन्द जी के पोते मोहित व परिवार के अन्य सदस्यों को संस्था सदस्यों ने अपनी ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया । काफ़ी लोगों को नेत्रदान प्रक्रिया, महत्व व उपयोगिता के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी । उपस्थित लोगों ने संस्था सदस्यों से नेत्रदान के बारे में पूरी जानकारी देने को कहा। संस्था सदस्यों ने विस्तार से सारी जानकारी दी,इसी बीच सांगोद से आये हुए महेश मंगल को यह सूचना मिली कि,उनके मोहल्ले के रहने वाले दिनेश गोयल जी की माँ विमला गोयल जी का निधन तलवंडी के निजी अस्पताल में हुआ है। महेश जी के अवचेतन मन मे नेत्रदान से जुड़ी बातें घर कर चुकी थी,वह बिना समय बिताये,सीधा अस्पताल की ओर चल गये । वहाँ तुरंत उन्होंने जैसे ही विमला जी के नेत्रदान की बात सभी के बीच रखी,सभी ने पहले इसका विरोध किया क्योंकि सभी को यह पता था कि ,नेत्रदान में तो पूरी आँख ले लेंगे,पर महेश जी ने कहा कि सिर्फ उपर की पतली झिल्ली कॉर्निया लेंगे ,जिससे चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती है । यह सुनने के बाद विमला जी की बहू उषा गोयल ने महिलाओं की ओर से सभी को नेत्रदान करवाने के लिये राज़ी किया । तब जाकर नेत्रदान का नेक कार्य सम्पन्न हो सका ।