कोटा/ साहित्यकार श्यामा शर्मा की अनुवादित बाल काव्य कृति " वन्य जीवों की पहचान"का लोकार्पण शनिवार 17 जुलाई को प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. डॉ. रामचरण महेंद्र के निवास पर हुआ है। प्रदीप महेंद्र, निर्मला महेंद्र, जितेंद्र निर्मोही, विजय जोशी, विजय शर्मा, डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने लोकार्पण किया। डॉ. रामचरण महेंद्र के साहित्य पर भी चर्चा हुई।
इस अवसर पर प्रदीप महेंद्र और निर्मला महेंद्र का सम्मान भी किया गया।
श्यामा शर्मा ने बताया कि यह अनुवाद कृति साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही की राजस्थानी बाल साहित्य कृति " जंगली जीवां की पछाण" का भावानुवाद है। इसमें पैंतीस जंगली जानवरों पशु पक्षियों सरीसृप सहित महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गई है। जिसमें जानवर की प्रकृति, उसकी प्रजाति,उसका वर्गीकरण,उसका रहवास आदि के सम्बन्ध में बाल सहजता को ध्यान में रखते हुए बाल काव्य को अनुदित किया गया है।
जितेंद्र निर्मोही ने बताया कि बाल साहित्य में हिंदी अनुवाद की यह महत्वपूर्ण कृति है। डॉ. विकास दवे निदेशक मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी भोपाल ने कृति भूमिका में लिखा है कि यह कृति देश की नई पौध को जंगली जानवरों की जानकारी उपलब्ध कराने में सामान्य ज्ञान कराने में सफल होगी जो वर्तमान समय में बहुत ही आवश्यक है। जो भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में उनके केरियर बनाने में मदद देगी। बाल साहित्यकार डॉ. विमला भंडारी ने इसे परशुराम शुक्ल की सूचना परंपरा को सहजता के साथ प्रस्तुत करने वाली बाल काव्य कृति बताया है।