कोटा, (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) कोटा शहर में कोरोना का प्रलय थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में भर्ती मरीजों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। वहीं मरीजों को प्लाज्मा के लिए भी अब मशक्कत करनी पड़ रही है। टीम जीवनदाता की मदद से लोगों को प्लाज्मा उपलब्ध हो रहा है। नगर निगम में कार्यरत अपनी जान जोखिम में डालने वाले रामपुरा निवासी बी पॉजिटिव गोताखोर विष्णु श्रृंगी ने रविवार को प्लाज्मा डोनेशन कर अपना कर्तव्य निभाया। श्रृंगी ने कहा कि पूर्व में वह भी नवीन चिकित्सालय में भर्ती रहे, जब शहर के लोगों ने उनकी मदद की थी। उन्हें भी दो बार प्लाज्मा चढ़ाया गया था। श्रृंगी ने कहा ऐसे विकट समय में जिससे जो भी मदद हो सके करनी चाहिए। प्लाज्मा के साथ हर क्षेत्र में लोगों को मदद के लिए आगे आना चाहिए। श्रृंगी सालों से नगर निगम में रहते हुए अपनी सेवा व समर्पण के लिए जाने जाते हैं, पानी में शव को निकालना व किसी की जान बचाने के लिए वह अपनी जान को कई बार दाव पर लगा चुके हैं। टीम जीवनदाता के संयोजक व लायंस क्लब के जोन चेयरमैन भुवनेश गुप्ता ने कहा कि श्रृंगी द्वारा दिया गया प्लाज्मा कोटा वासी मधुसुदन गुप्ता व इटावा वासी दिनेश बाई को दिया गया। वहीं कोटा में सबसे अधिक उम्र के प्लाज्मा डोनर कृष्ना नगर रंगबाडी विस्तार योजना निवासी मनोज न्याती (57) ने सातवी बार प्लाज्मा डोनेशन कर काबिले तारीफ कार्य किया है। उनके द्वारा डोनेट किया गया एबी पॉजिटिव प्लाज्मा गौरव गुप्ता व गीता बाई को चढ़ाया गया है। आज लॉक डाउन के बावजूद टीम सदस्यों ने दिनभर सेवा प्रदान की। इस दौरान वर्धमान जैन, नितिन मेहता, मोहित दाधीच, प्रतीक अग्रवाल व एडवोकेट महेन्द्रा वर्मा ने दिनभर रुककर डोनर को बुलाना व संयोजन करने में विशेष विशेष योगदान दिया।
हर क्षेत्र से आगे आएंगे डोनर्स, तभी दूर होगी प्लाज्मा की कमी
टीम जीवनदाता निरंतर प्लाज्मा के लिए प्रयास कर रही है, शहर में किसी को भी प्लाज्मा की आवश्यकता होने पर वह टीम से सम्पर्क करता है। भुवनेश गुप्ता ने बताया कि हर क्षेत्र व संस्था के लोगों को इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस समय एक-एक डोनर्स जीवनदाता बनकर अपने कर्तव्य का पालन करें। ये घड़ी बेहद मुश्किलों भरी है, इस जंग को जीतने के लिए कोटा के हर क्षेत्र से लोगों को आगे आने की आवश्यकता है। गुप्ता के अनुसार अगर शहर में एक एक व्यक्ति भी एक डोनर को भेजे तो प्लाज़्मा की कमी ना हो, और ऐसे समय मे ये कदम उठाने होंगे, तब ही इस भारी संकट से मुकाबला हो सकेगा