शाइन इंडिया फाउंडेशन के 10 वर्ष के अनवरत प्रयासों से कोटा शहर व आस-पास के छोटे गाँव कस्बों में भी नैत्रदान-अंगदान-देहदान की जागरूकता बढ़ी है । गाँव के वरिष्ठ नागरिकों में भी नैत्रदान-देहदान के प्रति उत्सुकता बहुत ज्यादा बढ़ी है । जागरूकता अभियान के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नैत्रदान-देहदान के प्रति पहले जो भ्रान्तियाँ थी,वह सब काफ़ी हद तक समाचार पत्रों, जागरूकता शिविरों के कारण कम हो चुकी है ।
कलयुग के समय में नैत्रदान-अंगदान-देहदान का संकल्प, और समय आने पर इनको पूरा करना ही मोक्ष का सही रास्ता है । युवाओं में भी नैत्रदान के कार्य को लेकर काफ़ी उत्सुकता है।
इसी क्रम में कल बाराँ, समरानियाँ कस्बा निवासी,शिवम राठौर का 21वां जन्मदिवस था, इस अवसर पर वह अपने गाँव समरानियाँ से 100 km दूर कोटा इसलिए आये की,अपने क्षेत्र में भी वह लोगों को नेत्रदान-अंगदान -देहदान के प्रति जागरूक कर सकें।
कोटा आकर उन्होंने पहले रक्तदान किया, उसके बाद शाइन इंडिया फाउंडेशन के जवाहर नगर स्थित कार्यालय पर आकर सबसे नेत्रदान से जुड़ी सभी जरूरी बातें, प्रक्रिया और उसकी उपयोगिता को सुना,समझा । सभी जानकारी लेने के बाद प्रभावित होकर अपना नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा ।
उन्होंने संस्था सदस्यों को आश्वासन दिया है कि वह अपने ग्रामीण क्षेत्र में शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से नेत्रदान अंगदान देहदान के जागरुकता शिविर कोविड गाइडलाइंस की पालना करते हुए लोगों को जागरूक करेंगें, अपने सभी दोस्तों मित्रों को नेत्रदान संकल्प पत्र का सर्टिफिकेट दिखा कर प्रेरित करेंगे । जिससे उनके क्षेत्र में भी जो भी भ्रांतियाँ नेत्रदान के प्रति लोगों में है,वह दूर हो,और लोग इस महा-अभियान में अपना पूरा सहयोग दें ।