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दो दिन में 10 बच्चों की मौत के बाद उठाये सुधारात्मक कदम

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01 Jan 20
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दो दिन में 10 बच्चों की मौत के बाद उठाये सुधारात्मक कदम
 कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल)  |   प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि शिशु रोग विभाग की इकाईयों का पुनर्गठन कर दिया गया है जिसके तहत विभागाध्यक्ष सहित तीन इकाईयां जेके लोन चिकित्सालय में तथा एक नोन टीचिंग इकाई नवीन चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज परिसर में कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक रूप से अस्पताल में आवश्यक मरम्मत कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा शुरू कर दिये गये है। यह कदम विगत दिनों 10 बच्चों की मौत के बाद उठाये हैं।स्पताल में सेन्ट्रल ऑक्सीजन सप्लाई लाईन के कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं जिसे 15 दिवस में पूर्ण कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि सुधारात्मक कार्यो के लिये अस्पताल को संक्रमण मुक्त रखने एवं रैफर होकर आने वाले शिशुओं की रोग की गम्भीरता के अनुसार समय पर इलाज की सुविधा मिल सके इसके लिए भी कदम उठाये गये हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना में प्रस्तावित ओपीडी ब्लॉंक में शिशु रोग विभाग तथा प्रसूति व स्त्री रोग विभाग के लिए भी नवीन ओपीडी एवं इमरजेन्सी वार्ड के प्रस्तावों को भी समाहित किया गया है जिसमें कुल 27 वार्ड लिये गये हैं जिसमें पीआईसीयू/एमआईसीयू के 12 बैड एवं इमरजेन्सी वार्ड 15 बैड का सम्मिलित है।
        जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुरेश दुलारा ने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सुझावों एवं पदभार ग्रहण करने के बाद भ्रमण के दौरान पाई गई कमियों को शीघ्रता से दूर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिशु रोग विभाग के सभी वार्डों की खिड़कियों के टूटे हुये कॉंच सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा नये लगा दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि शिशु रोग विभाग के तीन वेन्टीलेटरों की सीएमसी कर दी गई है तथा तीन वेन्टीलेटर की मरम्मत करने के लिए आदेश जारी किये गये हैं। शेष वेन्टीलेटरोें की एएमसी कराने या ठीक कराने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि शिशु रोग विभाग में 5 अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ को नियुक्त किया गया है तथा एनआईसीयू के नर्सिंग इंचार्ज को भी बदल दिया गया है।
ये उठाये सुधारात्मक कदम-
1. विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग, अधीक्षक, जेके लोन चिकित्सालय को शिशु रोग विभाग की पीआईसीयू/एनआईसीयू की सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त मैन पॉवर लगाने के निर्देश चिकित्सा शिक्षा सचिव द्वारा दिये गये जिसके क्रम में मंगलवार 30 दिसम्बर को 5 अतिरिक्त नर्सिंग स्टॉफ एफ.बी.एन.सी. वार्ड में लगा दिये गये हैं। एनएचएम के माध्यम से आगामी 2-3 दिवस में चार अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा लगाए जाने की स्वीकृति दे दी गई है। 9 स्टाफ एनसीयू के उपलब्ध होने के बाद वहां से तीमारदारों को बाहर रखा जा सकेगा जिससे की इन्फेक्शन की संभावना में कमी आ सके। इसके साथ ही एनआईसीयू के नर्सिंग इन्चार्ज को बदल दिया गया है।
2. जेके लोन चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग के खराब वार्मरों को ठीक कराने के लिये चिकित्सालय अधीक्षक कार्यालय द्वारा संबंधित फर्म को आदेश जारी कर दिये गये हैं। फर्म द्वारा आगामी दो-तीन दिन में 26 वार्मर ठीक कर दिये जायेंगे। 
3. शिशु रोग विभाग की सभी मशीन एवं उपकरणों के सतत् रखरखाव के लिए चिकित्सा शिक्षा सचिव के निदर्शो की पालना में अधीक्षकों को आगामी 7 दिवस में ए.एम.सी./सी.एम.सी. की कार्यवाही चिकित्सालय के आर.एम.आर.एस./बी.एस.बी.वाई. मद में उपलब्ध बजट से संभागीय आयुक्त कोटा से अनुमोदन कराकर पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
4. शिशु रोग विभाग के एन.आई.सी.यू./पी.एन.आई.सी.यू./एफ.बी.एन.सी. में सेन्ट्रल ऑक्सीजन सप्लाई लाइन का एक्सटेन्शन करने के आदेश जेके लोन अस्पताल अधीक्षक द्वारा जारी कर दिये गये हैं। इन वार्डों में सेन्ट्रल ऑक्सीजन सप्लाई होने से ऑक्सीजन सिलेण्डर बदलने से होने वाले इंफेक्शन की समस्या दूर हो जायेगी। इसका कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है जिसके 10 दिवस में पूर्ण होने की सम्भावना है।
5. विभागाध्यक्ष, माईक्रोबायोलॉजी विभाग को निर्देशित कर दिया गया है कि सभी वार्डों का महिने में एक बार तथा हाई-इंफेक्शन आईसीयू का महिने में दो बार आवश्यकतानुसार सैम्पल लेकर इंफेक्शन लेबल की जॉच करावें तथा तद्नुसार आवश्यकता के अनुरूप फ्यूमीकशन कराकर सभी करेक्टिव मैजरर्स लिये जायें।
6. सार्वजनिक निर्माण विभाग को वार्ड के आवश्यक मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है जो कि आगामी 15 दिन के अन्दर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।  
7. नवीन चिकित्सालय, कोटा में शिशु रोग इकाई में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी, सीनियर रेजिडेन्ट को चिकित्सालय की कॉमन पूल इमरजेन्सी ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है तथा शिशु रोग विभाग की इमरजेन्सी ड्यूटी इनके द्वारा संचालित की जावेगी जिससे शिशु रोग विभाग की सेवाओं में गुणात्मक सुधार होगा।
8. विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग को निर्देशित किया गया है कि दो दिवस में शिशु रोग की नवीन नोन-टीचिंग युनिट के खराब उपकरणों व कंडम होने वाले उपकरणों की सूची तथा वांछित अतिरिक्त मैन पॉवर इत्यादि के प्रस्ताव प्रस्तुत करें ताकि इनकी बजट स्वीकृति व अन्य वांछित स्वीकृति/कार्यवाही के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजे जा सकें जिससे कि विभाग की समस्या का समाधान हो सके।
9. विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग तथा चिकित्सालय अधीक्षक, जेके लोन चिकित्सालय को शिशु रोग युनिट में स्टेप डाउन एनआईसीयू युनिट के लिए नर्सिंग स्टॉफ व अन्य मैन पॉवर तथा उपकरण इत्यादि के लिए प्रस्ताव तीन दिवस में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं जिससे कि चिकित्सा शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार प्रस्ताव राज्य सरकार को प्रेषित किये जा सकें जिससे पीकू/नीकू को संक्रमण मुक्त में मदद मिल सकेगी।
10. जेके लोन चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए एलन कोचिंग संस्थान की सफाई ब्रिगेड द्वारा सफाई कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है और उनके द्वारा यह कार्य सतत् रूप से करने का आश्वासन दिया गया है।
11. सीनियर फैकल्टी के रिक्त पदो ंके विरूद्ध सहायक आचार्य व अन्य जूनियर स्टॉफ अर्जेन्ट-टेम्पररी आधार पर भरने की स्वीकृति चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा दी जा रही है जिससे शिशु चिकित्सा विभाग में भी चिकित्सक शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर हो सकेगी।
12. विभागाध्यक्ष शिशु रोग विभाग को निर्देशित किया गया है कि वार्ड में भर्ती रोगियों के परिजनों से उपलब्ध वरिष्ठ संकाय सदस्य द्वारा काउन्सलिंग व संवाद किया जाये।

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