GMCH STORIES

बेटे-बहू के सहयोग से सम्पन्न हुआ नेत्रदान

( Read 5152 Times)

10 Oct 19
Share |
Print This Page
बेटे-बहू के सहयोग से सम्पन्न हुआ नेत्रदान

59 वर्षीय सकतपुरा निवासी धीरेंद्र कुमार माथुर जी का आज सुबह तलवंडी के निज़ी अस्पताल में निधन हो गया । धीरेंद्र जी थर्मल पावर प्लांट कोटा में सीनियर ऑपरेटर फर्स्ट के पद से सेवानिवृत्त हुए थे,उसके बाद से उन्होंने न सिर्फ अपने पारिवारिक दायित्वों को बख़ूबी निभाया, बल्कि क़रीबी मित्रों व रिश्तेदारों के साथ भी अपनी जिम्मेदारियों को पूरा निभाया । बचपन में ही इनके पिता रामदयाल जी के निधन के उपरांत इन्होंने अपने से छोटे दो भाइयों महेंद्र,लोकेश व दो बहनों ईशा व अनुपमा को पढ़ाया-लिखाया,उनको उच्च शिक्षा दिलायी, और सभी की शादी की। उनका पूरा जीवन संघर्ष मय रहा,परिवार चलाने के लिये एक समय में उन्होंने कोटा शहर में टेम्पो भी खूब चलाये । पंजाबी सेवा समिति के अध्यक्ष व शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति-मित्र दर्शन पिपलानी उनके बहुत क़रीबी दोस्त रहे है,उन्होंने बताया कि उनके इस संघर्षमय जीवन में,यदि उनकी पत्नि स्नेहलता का साथ नहीं होता तो शायद वह अपनी जिम्मेदारियों को उतना अच्छे से नहीं निभा पाते । दर्शन जी ने धीरेंद्र जी के पुत्र अभिषेक माथुर जो कि मर्चेन्ट नेवी में कार्यरत है व स्नेहलता जी से कहा कि धीरेंद्र  काफ़ी सेवा-भावी इंसान रहे है,नेत्रदान के माध्यम से हम उनको मोक्ष जैसा कार्य करा सकते है। यह जानकर धीरेंद्र  जी के दोनो भाई महेंद्र ,लोकेश व उनकी बहू सोनिया ने नेत्रदान के लिये अपनी सहमति दे दी । थोड़ी देर बाद ही अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ़ नंदबिहारी,अशोक,शाहिदा, वसीम अकरम,वीरेंद्र,दीक्षा,त्रिलोक व मनीष के बीच शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों सहित आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान के कोटा चैप्टर के तकनीशियन का सहयोग रहा । कोटा चैप्टर के अध्यक्ष डॉ कंजोलिया ने कहा कि अस्पताल में मौत होने के उपरांत हुए नेत्रदान में कॉर्निया की गुणवत्ता ज्यादा ठीक रहती है। ऐसे में अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ़ सजगता दिखाते हुए नेत्रदान के लिये संपर्क कर सकते है । 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Kota News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like