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वैश्विक परिदृश्य मे हिंदी" विषय पर “ हिंदी सेवी विमर्श एवं सम्मान समारोह–2019

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17 Sep 19
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वैश्विक परिदृश्य मे हिंदी" विषय पर “ हिंदी सेवी विमर्श एवं सम्मान समारोह–2019

हिन्दी दिवस पर, राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा के केन्द्रीय हॉल में सम्भाग स्तरीय राजभाषा हिन्दी दिवस का आयोजन हुआ I जिसमें मंडल पुस्तकालय के प्रभारी अधिकारी डॉ० दीपक श्रीवास्तव ने आगन्तुकों का आभार प्रदर्शन करते हुए हिन्दी भाषा की समृद्धि की योजनाएँ बतायी ।

इसके अन्तर्गत सरकारी स्तर पर “ हिंदी सेवी पदक” से 07 हिन्दीसेवी विद्वानों ( डॉ. आदित्य गुप्ता,डॉ. विवेक मिश्र, डॉ. अनिता वर्मा, डॉ. मनीषा शर्मा, विजय जोशी, सलीम अफरीदी, कँवर बिहारी दीक्षित, राम शर्मा “ कापरेन”) राजभाषा हिंदी पदक से 3 शोधार्थीयों (निशा गुप्‍ता, सुनिता तिवारी, रिंकी पाठक) , नवलेखन काव्यपदक से ज्योतिका माहेश्वरी, नव साक्षर हिन्दी पदक से 03 नाईजीरीयन विधार्थी ( अब्दुल करीम बुहारी, राकिया ईशा , फातिमा) को सम्मानित किया गया वही अतिथी सम्मान (गेस्ट ऑफ ऑनर) इनर व्हील कोटा नोर्थ  की अध्यक्ष नीता सिंह को दिया गया ।

कम्यूटर में हिंदी अनुप्रयोग प्रतियोगिता में योगेन्द्र सिंह तँवर प्रथम , प्रशांत भारद्वाज द्वितीय एवं नमोनारायण मीणा  तृतीय स्थान पर रहे । श्रुतिलेख प्रतियोगिता में कृष्णा शर्मा प्रथम, नवनीत यादव द्वितीय एवं मधुसूदन चौधरी तृतीय स्थान पर रहे । वहीं भाषण प्रतियोगिता में डा प्रितिमा व्यास, मधु शर्मा द्वितीय, हरिज्ञान मीणा तृतीय स्थान पर रहे । नारा लेखन प्रतियोगिता में पंकेश मीणा प्रथम, हरदेश मीणा द्वितीय एवं सुनील वर्मा तृतीय स्थान पर रहें । निबन्ध लेखन प्रतियोगिता में बबलू वर्मा प्रथम , अक्षय शर्मा द्वितीय   एवं राकेश कुमार तृतीय स्थान पर रहे ।                           

डॉ० आदित्य गुप्ता आचार्य (हिंदी)  ने अध्यक्षता की। विद्वानों के सत्संग में मुख्य-अतिथि के रूप में वाणी-सेवार्थ पुनीत सहभागिता का दायित्व निभाया डा . विवेक मिश्र आचार्य (हिंदी)  ने । विशिष्ठ अतिथी का दायित्व निभाया डा अनिता वर्मा आचार्य (हिंदी) एवं डा .मनीषा शर्मा ने ।

मुख्य वक्ता विजय जोशी ने भाषा सरलीकरण पर जोर दिया। कार्यक्रम में साहित्यकार राम शर्मा “ कापरेन”, निशा गुप्ता,  ज्योतिका माहेश्वरी, रिंकी पाठक, के.बी. दीक्षित , महेश पंचोली, हरीश कुमार “ हरीश”, नारायण लाल नामा सेवानिवृत प्राचार्य, ज्ञान गंभीर, प्रिति शर्मा, अनुक्रति तम्बोली, योगेन्द्र सिंह तंवर, प्रितिमा व्यास , प्रशांत शर्मा, सलीम अफ्ररीदी, शकुर अनवर, मधुसुदन चौधरी, भगवान दास गोयल, इंद्र जीत सिंह , नमोनारायण मीणा,  हरिज्ञान मीणा , पंकेश मीणा, हरदेश मीणा , अम्बा लाल गुर्जर, सुनिल वर्मा , बबलू वर्मा, अक्षय शर्मा, राकेश कुमार, किरण, रीना, इंदु, इंद्रजीत सिंह ने भी विचार व्यक्त किये । सुष्ठुरूपेण संचालन के.बी .दीक्षित ने किया।

            इस अवसर पर डा .विवेक मिश्र ने कहा- कि हिन्दी संस्कृति एवं हिन्दी भाषा विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय हें वैविध्य भाषाओं और बोलियों वाले देश मे हिंदी को हिन्दुस्तान की भाषा बनाना एक बडी चुनोती हें, खासकर तब जबकि अंग्रेजी को अभिजात्य लोगों ने सम्पर्क का एकमात्र मानद माध्यम घोषित कर रखा हो । कार्यकृम की अध्यक्षता कर रहे डा आदित्य गुप्ता ने कहा कि भाषा एव पुस्तकालय विभाग ने हिंदी के प्रति जो लगाव जाहिर किया है वह स्वागत योग्य हें  और उम्मीद की जानी चाहिये कि आने वाले समय मे देश के पास अपनी राष्ट्रीय भाषा का दबदबा होगा जो ”आम” तथा “खास” के फर्क को कम करेगी तथा समान रुप से संवाद का माध्यम बनेगी ।

इसी क्रम में कार्यकृम की अध्यक्षता कर रहे डा आदित्य गुप्ता ने भी अपनें विचार व्यक्त करतें हुये हिदी के संवेधानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला ।

विशिष्ठ अतिथी डा मनीषा शर्मा हिदी के संवेधानिक पहलुओं पर तथा डा. अनिता वर्मा ने हिंदी के व्यवहारिक पहलू पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम संयोजिका शशि जैन ने सभी आगंतुक अतिथीयों का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम के उदघाटन भाषण मे डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव मण्डल पुस्तकालयाध्यक्ष ने संविधान निर्मात्री परिषद के सदस्य बलवंत सिः की बाद उद्दवत करते हुये कहा था कि – “ हिंदी को भारत की राष्ट्र बनाने मे उदयपुर अधिवेशन के इस प्रस्ताव का महत्वपूर्ण योगदान है । मुख्य वक्ता विजय जोशी ने कहा कि – विवेक के कारण एक संस्कार विकसित हुआ है , हिंदी मे जैसा सोचा जाता है वैसा ही बोला जाता है , वैसा ही अग्रेषित किया जाता है । कार्यक्रम का प्रबन्धन आयोजन श्री अजय सक्सेना एवं  श्री नवनीत शर्मा द्वारा किया गया। 


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