बारां । जिला कलक्टर इन्द्र सिंह राव ने कहा कि जिले में विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर में वृद्धि की आवश्यकता है और इसके लिए एकपक्षीय अध्यापन पद्धति के स्थान पर परस्पर संवाद के माध्यम से अध्यापन की तकनीक को अपनाने की आवश्यकता है जिससे विद्यार्थी के सीखने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।
कलक्टर राव शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं राबाउमावि स्टेशन रोड पर विद्यार्थियों के अधिगम स्तर में सुधार हेतु आयोजित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बारां जिला भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा चयनित 117 महत्वाकांक्षी जिलों की सूची में शामिल है और विकास के विभिन्न मापदंडो पर जिले का पूरे देश में चौथा स्थान है। नीति आयोग के निर्देशानुसार जिले में नवाचार के तौर पर विद्यार्थियों को पढ़ाने की पद्धति में सुधार किया जा रहा है जिसके तहत अध्यापक द्वारा वन-वे अध्यापन के बजाय इन्टरेक्टिव लर्निंग की पद्धति अपनाई जाएगी जिससे सभी विद्यार्थियों की अधिगम अथवा सीखने में सक्रिय सहभागिता बनेगी और जिले को शैक्षिक इंडिकेटर के पैमाने पर महत्वपूर्ण उपलब्धि हांसिल होगी। कलक्टर राव ने शिक्षकों से कहा कि लक्ष्य तय कर कार्य करने से सफलता मिलती है और बिना लड़े हार नहीं माननी चाहिए। जिले में विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर के उन्नयन हेतु किए जा रहे प्रयासों को सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में इस नवाचार को एनटीपीसी अन्ता द्वारा सामाजिक सरोकार के तहत आर्थिक सहायता दी जा रही है जो काफी सराहनीय है। बारां जिला यदि शिक्षा के इंडिकेटर पर महत्वपूर्ण कार्य व उपलब्धि प्राप्त करेगा तो भारत सरकार द्वारा तीन करोड़ रूपए का अनुदान प्राप्त होगा जिसे जिले में विद्यालयों व शिक्षा के विकास पर खर्च किया जाएगा। कलक्टर राव ने इस मौके पर प्रशिक्षण साामग्री व लाईब्रेरी का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर कोषाधिकारी धीरज कुमार सोनी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मनफूल नागर, शिक्षक आदि मौजूद थे।
Source :