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पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ दिलाने में बैंकर्स सहायक बने 

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29 Jun 19
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पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ दिलाने में बैंकर्स सहायक बने 

झालावाड़  । जिला स्तरीय डीएलआरसी एवं डीएलसीसी की तिमाही बैठक जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में शुक्रवार को मिनी सचिवालय के सभागार में आयोजित की गई। 
बैठक में जिला कलक्टर ने कहा कि बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार की सभी लोककल्याणकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों का लाभ पात्र व्यक्तियों को बैंकों के माध्यम से सीधा ही उनके खातों में प्राप्त होता है। उन्होंने सभी बैंकर्स से कहा कि वे सरकार की महत्ती योजनाओं के साथ असंवेदनशीलता न बरतें, पात्र व्यक्तियों को योजनाओं से लाभान्वित करवाने में सरकार के सहायक बने। 
उन्होंने कहा कि बैंक में अगर कोई व्यक्ति या समूह राज्य या केन्द्र सरकार की योजना के अन्तर्गत ऋण के लिए आवेदन करता है और पात्र पाया जाता है तो उसे निर्धारित समयावधि में आरबीआई की गाईड लाईन के अनुसार ऋण उपलब्ध करवाएं। 
फसल बीमा योजना के संबंध में पांच सदस्यीय टीम गठित 
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में क्षेत्र के किसानों की ओर से जिला प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिले के किसानों की शिकायतों का निर्धारित समय में निस्तारण कराने के लिए अग्रणी बैंक अधिकारी राजकुमार शर्मा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम जिसमें बैंक, बीमा, कृषि, किसान संघ तथा आईटी के प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। 
बुधवार व शुक्रवार कोे जमा कराएं सिक्के
जिला कलक्टर ने कहा कि सिक्के भारतीय मुद्रा का ही हिस्सा हैं। सिक्काकरण अधिनियम 2011 की धारा 6 के तहत रिजर्व बैंक द्वारा जारी सिक्के भुगतान के लिए वैध मुद्रा हैं। यह भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 26 की उप-धारा (2) में निहित प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा प्रत्याभूत हैं। यदि कोई एक, दो, पांच या दस रुपये का सिक्का लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकर्स को सिक्के जमा करने के निर्देश प्रदान किए हैं। आरबीआई के निर्देशानुसार बुधवार व शुक्रवार को सायं 3 से 4 बजे के मध्य सभी बैंक अपने ग्राहकों चाहे वह दुकानदार हो, व्यापारी हो या आम नागरिकों हो, से सिक्के जमा करेंगे। 
आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक सुधाकर गोयल ने कहा कि बैंकर्स केन्द्र और राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत स्वरोजगार एवं अन्य कार्यो के लिए ऋण देने से इन्कार नहीं करे। उन्होंने कहा कि परन्तु ऋण देते समय बैंक प्रबंधक आवेदनकर्ता की केवाईसी, सीआईएफ अनिवार्य रूप सेे करवाएं।
पीएनबीआरसेटी सलाहकार समिति की प्रथम तिमाही बैठक में आरसेटी पेंडिंग क्लेम का शीघ्र भुगतान करने, प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान लोन से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने, डे एनएलयुएलएम के उद्यमिता विकास एवं स्किल विकास के प्रशिक्षण बैच शुरू करने सहित अन्य बिन्दूओं पर चर्चा की गई। 
बैठक में अग्रणी बैंक अधिकारी राजकुमार शर्मा, वरिष्ठ प्रबंधक सेन्ट्रल बैंक अरूण कुमावत, पीएनबी आरसेटी के निदेशक गिरराज प्रसाद सैनी, वरिष्ठ प्रबंधक पीएनबी झालरापाटन प्रेम प्रकाश नायक, एसबीआई प्रबंधक बीएल मीणा, एसबीआई मुख्य प्रबंधक आरके गौतम, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक प्रीतम सैठी, भारतीय किसान संघ के जिला मंत्री राधेश्याम गुर्जर सहित अन्य बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 


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