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रामगंजमंडी में खुले में प्रसव को मजबूर ग्रामीण महिलाएँ

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13 Jun 19
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रामगंजमंडी में खुले में प्रसव को मजबूर ग्रामीण महिलाएँ

 

कोटा । सरकार द्वारा सबको चिकित्सा सुविधा के दावों के बीच एक महिला को आज भरी दुपहरी में खुले मैदान में बच्चें को जन्म देने को मजबूर होना पडा।

रामगंजमण्डी क्षैत्र के खेडारूद्धा गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए उसके परिजन लेकर पहुंचे जहां उपस्थित कम्पाउंडर ने पहले तो प्रसव पीडा से तडप रही महिला को कमरे के अंदर ले लिया किन्तु बाद में यह कहकर प्रसव कराने से मना कर दिया कि यहां पर कोई महिला नर्स या चिकित्साकर्मी नहीं है ना ही कोई डाक्टर है मैं अकेला हूं इसलिए में प्रसव नहीं कर सकता इस महिला को कहीं और ले जाओं। गरीब परिजन मिन्नते करते रहे परन्तु कम्पांडर ने साफ इंकार कर दिया बेचारे कोई साधन नहीं होने की बात कहकर मदद की गुहार करते रहे। लेकिन उस कम्पांडर ने एक ना सुनी और ना तो एम्बूलेंस की व्यवस्था करी नहीं १०८ एम्बूलेंस को सूचना दी। उल्टे जबरन प्रसव पीडा से गुजर रही महिला व उसके परिजनों को जबरन बाहर निकाल दिया।

इस अमानवीय और शर्मनाक हरकत से दो-चार महिला ने भरी दुपहरी में करीब २.३० बजे स्वास्थ्य केन्द्र के खुले मैदान में ४७ डिग्री की झुलसा देनी वाली गर्मी के बीच असहाय व्यवस्था में बच्चें को जन्म दिया। गौरतलब है कि इस प्राथमिक केन्द्र के इंचार्ज डाक्टर सुरेश करोलीवाल है जो कोटा रहते है यहां कभी कबार ही आते है। महिला मरीजों के यहां महिला नर्स को भी नहीं लगा रखा है।

दिलावर ने जताया अफसोस, प्रिसिपल सेकेट्री से की शिकायत

रामगंजमंडी के विधायक मदन दिलावर ने इस अमानवीय घटना पर गहरा अफसोस जताते हुए चिकित्साकर्मियों व डाक्टरों की कार्यशैली पर आक्रोश प्रकट किया है तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेकेट्री रोहित कुमार को तुरंत दूरभाश कर घटना से अवगत कराते हुए कार्यवाही की मांग की है। श्री दिलावर ने जिला कलेक्टर को मुक्तानंद अग्रवाल को भी मामले से अवगत कराया है श्री दिलावर ने बताया कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सुरेश करोलीवाल है जो कोटा रहते है और स्वास्थ्य केन्द्र पर बमुश्किiल एक या दो दिन आते है बाकी पूरे दिनों की हाजरी लगाकर चले जाते है। वहीं इस चिकित्सा केन्द्र पर अन्य पदस्थापित चिकित्साकर्मियों का भी यही हाल है वे भी हाजरी लगाकर चले जाते है जिसके चलते क्षैत्र की जनता को उपचार नहीं मिल रहा है।

श्री दिलावर ने कहा कि रामगंजमण्डी विधानसभा क्षैत्र का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण अंचल का है जहां सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व स्वास्थ्य केन्द्रों पर कामोबेश यही हाल है सभी डॉक्टर कोटा रहते है और यहां पर मरीजों को देखने नहीं आते है कभी आते है तो हाजरी लगाकर चले जाते है इसको लेकर कई श्री दिलावर ने मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी है लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है और डॉक्टरों को लापरवाही पूर्ण बदस्तूर जारी है। उन्होंने कहा कि आज की यह घटना बेहद शर्मनाक है। जिसकी शिकायत संबंधित स्तरों पर कर दी गई है। अगर सरकार के स्तर पर रामगंजमण्डी की चिकित्सा व्यवस्था को दूरूस्त नहीं किया और डाक्टरों ने अपने रवैये पर सुधार नहीं किया तो जनता अपने स्तर पर सीधी कार्यवाही करने को मजबूर होगी। जिसकी जिम्मेदारी सरकार व चिकित्सा विभाग की होगी। 

 


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