चम्बल गार्डन रोड, स्थित चम्बल अपार्टमेंट में रह रहे 75 वर्षीय डॉ सी एस त्रिपाठी जी को न शहर के सभी छोटे-बड़े चिकित्सक बहुत अच्छे से जानते थे,बल्कि शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो उनसे मिलने के बाद उनको याद न रख पाया होगा । यूँ तो चिकित्सक एक उम्र के बाद अपने सेवा कार्य को उस ऊर्जा के साथ लगातार कायम नहीं रख पाते, जिस उम्र में और जोश में वह जवानी में किया करते थे । परंतु डॉ त्रिपाठी जिनके साथ बिल्कुल ऐसा नहीं था,भारतीय सेना से मेजर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद से मृत्यु शैया पर आने के कुछ दिनों पहले तक वह मैत्री हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे थे । उनको देखकर ऐसा लगता था, जैसे सेवा कार्यों में लगे रहना ही उनके लिये जीवन दायनी है ।
काफ़ी समय तक आर्मी में अपनी चिकित्सा सेवायें देते रहने के बाद,कोटा आने पर भी उनका वहीं जोश बरकरार रहा । कोटा में क़रीब 15 साल से ज्यादा समय तक वह कोटा कैंसर सोसायटी के सचिव रहे,साथ ही कोटा ब्लड बैंक,डीसीएम फैक्टरी, कोटा,रक्तदान के लिये राष्ट्रीय स्तर की संस्था आईएसबीटीआई में भी काफ़ी समय तक उन्होंने अपनी स्वेच्छा से सेवायें दी । इसके अलावा लायंस क्लब कोटा साउथ के भी वह चार्टर मेंबर रहे है । रक्तदान के क्षेत्र में इन्होंने डॉ वेद प्रकाश गुप्ता जी के साथ काफी समय तक कार्य किया । डॉ गुप्ता जिनका कहना है कि,डॉ त्रिपाठी जी यदि किसी काम को अपने हाथ में लेते थे,तो जब तक उसको ठीक तरीक़े से पूरा न कर दें,व अपने तरीके से संतुष्ट न कर दें,तब तक उसको छोड़ते नहीं थे ।
काम के प्रति उनकी लगन,कर्तव्यनिष्ठा, समय पाबंदी,ईमानदारी,मृदुल भाषी व विनम्रता के कारण वह काफ़ी लोगों के दिल मे जगह बना चुके थे । उनकी बेटियाँ सुनीता,इप्सिता,लिप्सिता वह भी अपने पिता को अपना आदर्श मानती है,उनका कहना है कि पिता के बताये हुए आदर्शों के कारण ही हम आज एक अच्छे मुकाम पर है।
डॉ त्रिपाठी जी की मृत्यु के समय वह अपने घर पर थे,वही उनका देहांत हुआ,पत्नि मंजुश्री त्रिपाठी जी ने तुरंत लायन्स क्लब कोटा साउथ की संयुक्त सचिव सुषमा आहूजा जी को फ़ोन पर सूचना दी, घर पहुँचकर सुषमा जी व उनके पति वी पी आहूजा ने डॉ त्रिपाठी जी के नेत्रदान करवाने के लिये मंजू श्री जी को राजी किया । मंजू श्री जी स्वंय भी अपने पति के साथ काफ़ी सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही है,वर्तमान में दोनो पति पत्नी कैंसर जागरूकता हेतू वृहद स्तर पर कोटा संभाग में कार्य कर रहे थे ।
नेत्रदान के लिये शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों को संपर्क किया गया । आई बैंक के तकनीशियन के साथ डॉ त्रिपाठी जी के निवास पर ही नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी हुई । नेत्रदान प्रकिया के दौरान लायन्स क्लब कोटा साउथ के सदस्य,कोटा ब्लड बैंक सोसायटी के डॉ पी एस झा,आई बैंक सोसायटी कोटा के पूर्व अध्यक्ष व कृष्णा ब्लड बैंक के निदेशक डॉ वेदप्रकाश गुप्ता व शहर के कई गणमान्य नागरिक मौजूद थे ।