रविवार को जन्माष्ठमी की घनी रात में 70 वर्षीया,रामपुरा भाटपाड़ा निवासी सौभाग्यवती की मृत्यु रात में किस समय हुई इसका पता किसी को नहीं चल सका । देर रात उन्होंने कृष्ण भगवान की जन्मोत्सव पर उनकी पूजा,सेवा,आरती सब की,उसके बाद भगवान का ध्यान करके सो गयी , और उसके बाद वह सुबह नहीं जाग सकी। उनके बेटे मनोज मेहता ने जब सुबह देखा कि माँ हमेशा तो कितना ही लेट सोये,परंतु सुबह 5 बज़े तक तो जाग ही जाती है,पर जब 6 बज़े तक वह नहीं जागी,तो उनको जगाने के लिये गये,तो पता चला की वह इस दुनिया से जा चुकी है । परिवार के सभी सदस्यों का रह रह कर ध्यान जा रहा था ,एक तरफ़ जन्माष्ठमी का पावन दिन पर पाठ-पूजा करके देह त्यागना जैसा कार्य तो,बहुत कम लोगों के सौभाग्य में होता है,पर दूसरी तरफ़ अचानक उनका यूँ दुनिया से चले जाना,बार बार उनकी आँखों मे आँसू ला रहा था ।
सौभाग्यवती जी प्रारंभ से ही साधु-संतों की सेवा, सत्संगो में आना जाना,धर्म के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक करने में अपना समय बिताती थी। उनके देहांत की सूचना जैसे ही उनके भतीजे धर्मेंद्र जैन को मिली तो उन्होंने तुरंत नेत्रदान-अंगदान के लिए कार्य कर संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन को सम्पर्क किया । तेज़ बारिश के बीच में शाइन इंडिया की टीम के सदस्य आई बैंक सोसायटी,कोटा के तकनीशियन को साथ लेकर उनके निवास पर पहुँचे। सौभाग्यवती के बेटे मनोज मेहता बताते है कि उनका पूरा परिवार इस बात से भी खुश है कि ,उनकी माँ ने जाते जाते भी ईश्वर की आराधना की,और अंत समय में उनके नेत्रदान से पूरे ही परिवार का कल्याण कर गयी ।