कोटा । सुखी एवं सफल जीवन की कला एवं विज्ञान विषय पर कृषि विश्वविद्यालय उम्मेदगंज कोटा में सोमवार को एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गई।
एचसीएम राज्य लोक प्रशासन संस्थान जयपुर, कृषि विश्वविद्यालय, एचसीएम रीपा आरटीसी कोटा एवं एसकेएस बधाल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी में अति. निदेशक प्रशासन, एचसीएम रीपा जयपुर डॉ भागचन्द बधाल, कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक एवं संकाय सदस्य, कृषि अनुसंधान केन्द्र उम्मेदगंज के संकायों व सयुक्त निदेशक प्रताप सिंह, कृषि महाविद्यालय कोटा के डीन डॉ मूलचन्द जैन एवं कृषि अनुसंधान से संबधित ८० से अधिक संकायों ने भाग लिया। संगोष्ठी में डॉ बधाल, डॉ प्रताप सिंह, डॉ जैन व डॉ बलदेव ने विचार व्यक्त किये।
खुशी एवं सफल जीवन की कला एवं विज्ञान विषय पर विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता डॉ भागचन्द बधाल ने काफी अनुसंधानों व वैज्ञानिक अध्ययनों तथा विभिन्न आध्यात्मिक एवं धार्मिक ग्रंथों के आधार पर रोचक व सारगर्भित जानकारी प्रतिभागियों को दी। उन्होंने खुशी प्राप्ति के विभिन्न मंत्रों, तकनीकों, सहिताओं का संदर्भ देत हुए विस्तार से जानकारी दी। सुख एवं सफलता के संबध में बैदिक ग्रथों म उपलब्ध सामग्री को भी परिष्कृत व जनउपयोगी भाषा में प्रस्तुत किया। उन्होंने ऋगवेद, श्रीमद् भगवद गीता, बाईबल, कुरान, यूएनओ, कन्फयूसियश, मैथ्यू रिचार्ड, प्राचीन ग्रीक चिन्तक सुकरात, एप्यूक्यूरस, अरस्तू, मार्कस ओरिलियस एवं रिचर्ड लेयर्ड द्वारा खुशी एवं आनन्द के उपर प्रस्तुत किये गए विचारों को विस्तार से संगोष्ठी में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया की इन्हें अपनाकर व्यक्तिगत, सामाजिक व कार्यालय में खुशनुमा माहौल में जीवन व्यतित किया जा सकता है।
डॉ बधाल ने अनुसंधानों के आधार पर बताया की खुशी व्यक्ति की सफलता का सीधा एवं सुनिश्चित मार्ग है। इसलिए कार्यस्थल एवं घर व समाज में सफल जीवन व्यतीत करने के लिए जीवन में खुशी का होना अनिवार्य है। सफल व्यक्ति खुश ही हो यह जरूरी नही जबकि इसके विपरीत खुश व्यक्ति सदैव सफल होता है।
उन्होंने बताया कि एचसीएम रीपा, क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र कोटा में इसी तरह की एक संगोष्ठी पॉजीटिव वर्क कल्चर एवं हैप्पीनेस पर रखी गई है जिसका आयोजन आरटीसी कोटा के कॉन्फे्रंस हॉल में प्रातः १०.३० बजे से प्रारंभ होगा। जिसमें मुख्यतः जिला स्तरीय एवं अन्य अधिकारीगण सम्मिलित होंगे।