कोटा | सिलोर में नवघोषित अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शिलोदय तीर्थ क्षेत्र का भूमि पूजन कार्यक्रम बुधवार को मुनि पुंगव सुधा सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। वैद्धिक मंत्रोचारण के साथ भूमि पूजन कार्यक्रम हुआ। हिण्डोली के चेता निवासी सुंदरलाल, महावीर व कमलेश जैन परिवार ने पहली शिला पट्टिका रखी। इसके बाद वीरेंद्र कुमार, राजकुमार, कैलाशचंद, धीरज कुमार, महावीर, प्रदीप, सुरेंद्र कुमार, प्रकाशचंद बोरदिया परिवार ने चारों दिशाओं में कलश स्थापना की। अन्य भक्तों ने भी अपने-अपने कलश स्थापित किए।
धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति रोटी, कपड़ा और मकान के लिए जीता है, वो व्यक्ति मजदूर के समान होता है। वह व्यक्ति अपने जीवन में इसके अलावा कोई कार्य नहीं कर पाता। ऐसे व्यक्ति का धन केवल सर्वस्व कमाने में चला जाता है। महाराज ने कहा कि यह तुम्हारे पूर्व कर्म का फल है, जिसके कारण तुम्हें अभिशाप मिला और इस जीवन में तुम कुछ नहीं कर पाए। लक्ष्मी हमेशा धर्मात्मा मान करती है। जो कभी तुम्हारे पास तो कभी किसी और के खनकती रहती है।
उन्होंने कहा कि जीवन में किसी का अभिशाप ले लेना पर धन का अभिशाप कभी मत लेना। जब जीवन में धर्म करने, अस्पताल बनाने, मंदिर बनाने में दान का निमित्त मिले तो वह धन पुण्य कार्य में ही लगाना। अगर वो धन गलत कार्य में लगाओगे तो तुम्हे लक्ष्मी के अभिशाप से कोई नहीं बचा सकता। महाराज ने कहा कि आज भरत -चक्रवर्ती सारे सुखों को भोग रहे है, जबकि रावण दाने-दाने को मोहताज हो रहा है। लक्ष्मी का अगर तुम्हें वरदान प्राप्त है तो वह मिट्टी भी सोना बन जाएगी। इससे पूर्व मुनि महासागर महाराज ने भी धर्मसभा को सम्बोधित किया। इस दौरान प्रवक्ता प्रवीण बोरखड़ीया, पारस छाबड़ा, नरेंद्र धानोप्या, सुनील सेठिया, पारस हरसोरा, पवन जैन सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मौजूद थे।
Source :