GMCH STORIES

रेलवे मजदूर संघ की ’’रेल कर्मचारी अधिकार यात्रा’’

( Read 2363 Times)

18 Oct 18
Share |
Print This Page
रेलवे मजदूर संघ की  ’’रेल कर्मचारी अधिकार यात्रा’’ कोटा(के डी अब्बासी) | वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के मण्डल सचिव अब्दुल खालिक और जोनल कार्यकारी अध्यक्ष सीएम उपाध्याय ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ रेल कर्मचारियों की समस्याओं को जानने और उनको हल करने के लिए रेल कर्मचारियों के आवासों और उनके कार्य स्थलों पर जाकर उनकी समस्याओं को जानेंगे ।उन्होंने बताया कि रेल कर्मचारियों की ड्यूटी आवास बच्चों के शिक्षा पानी एवं विधुत आपूर्ति तथा चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित समस्याओं को कोटा मण्डल के तुगलकाबाद से लेकर रोहलखुर्द एवंकोटा-रूठियाई एवं कोटा- चित्तौड़ खण्ड के छोटे से छोटे स्टेशनों पर कार्यरत कर्मचारियों के कार्यस्थलों तथा आवसीय काॅलोनी में जाकर रेल कर्मचारी नेता जनअधिकार यात्रा प्रारम्भ करने जा रहा है।रेल कर्मचारी अपने रेल कार्य में इतने व्यस्त रहते हैं कि पारिवारिक आवसीय एवं विभागीय कार्य सम्बन्धी, पदोन्नति, स्थानान्तरण एवं स्वास्थ्य संबधी समस्याओं को उचित माध्यम अथवा मंचसे उठाने का उनहे समय नहीं मिलता, लिहाजा संघ ने उनकी शाखाओं के पदाधिकारियों के माध्यम से रेलकर्मचारियों से रूबरू होने का बीड़ा उठातेहुये 18 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक ’’रेलकर्मचारी अधिकार यात्रा’’ निकालने का निर्णय लिया है ताकि कर्मचारियों की तमाम समस्याओं को एकत्रित कर उन्हे मण्डल एवं मुख्यालय स्तर पर अधिकारियों के समक्ष पुरजोर तरीके से रख कर कर्मचरियों की समस्याओं का स्थायी समाधान का प्रयास किया जा सके। उन्होंने बताया कि रेल कर्मचारी मन प्रसन्न रहेगा तो रेलकार्य सुचारू रूप से कर सकेगा।

उन्होंने बताया कि नेशनलफेडरेशन आॅफ इण्डियन रेलवेमेन्स एन.एफ.आई.आर. व वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ डब्लयू.सी.आर.एम.एस. रेलकर्मचारियों एवम उनके परिवारजनों के हितों के लिये लगातार रेलवे बोर्ड व महाप्रबन्धक स्तर पर प्रभावी नीतियांबनवाने के लिये प्रसासरत है। उन्होंनेबताया कि एन.एफ.आई.आर. के प्रयासों से ही हाल ही में इन्जीनियरिंग विभाग मेंकार्यरत ट्रेकमैन्टेनर, गैटमैन व की-मैन के हार्डशिप अलाउन्स में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि एन.एफ.आई.आर. प्रयासरत है कि सिग्नल विभाग में कार्यरत कर्मचारियों कोभी 24 घण्टे लगातार एक ही जगह रूकने की बाध्यता को भी समाप्त किया जा सका है वर्तमान में श्रम संगठनों के सामने कई चुनौतियाॅ है। सबसें बड़ा व गम्भीर मुद्दा रिक्त हो रहे पदों पर नई नियुक्ति नही होनेसे कर्मचारियों पर पड़ने वाला अतिरिक्तभार है। भारतीय रेल में लगभग 2 लाख सेअधिक कर्मचारियों के पद रिक्त चल रहेहै। उन्होंने बताया कि जनवरी 2004 के बाद रेल सेवा मे नियुक्त हुये कर्मचारियों के सामने एन.पी.एस. बहुत बड़ी चुनौती है।एन.एफ.आई.आर. ने अपने प्रयासों से इसमें कुछ बदलाव तो करवाये है, किन्तुअभी भी सरकार इसे लेकर गम्भीर नही है। एन एफ आई आर के महासचिव डा.एम. राद्यवैया व कार्यकारी।प्रेसीडेन्ट डा.आर.पी.भटनागर के नेतृत्व मेंइन सभी मुद्दों पर रेलवे बोर्ड से चर्चा करके हल निकलवाने के लिए प्रयास किये जा रहे है।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Kota News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like