कोटा । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सोमवार को जिलेे में 72 चिकित्सा संस्थानों पर 1749 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व विशेष स्वास्थ्य जांचे हुई। विषेशज्ञ चिकित्सकों ने उन्हे सुरक्षित मातृत्व के लिए उपचार एवं परामर्ष दिया। सीएमएचओ डॉ आरके लवानिया ने बताया कि अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की लम्बाई, वजन और रक्तचाप लेने के साथ ही खून, पेषाब, हीमोग्लाबिन, एचआईवी, सिफलिस, शुगर समेत अन्य लेब जांचे निःशुल्क की गई। वहीं जिन महिलाओं में हिमोग्लोबिन का स्तर कम पाया गया, उन्हे मौक पर ही आयरन सूक्रोज के इंजेक्षन भी लगाए गए। गर्भवतियों को कैल्शियम, आयरन सहित अन्य आवश्यक दवाईयां फ्री देकर सुरक्षित मातृत्व एवं स्तनपान के बारे में सलाह और सुझाव दिया। इसके अलावा संभावित जटिल अथवा जोखिम प्रसव वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उन्हे विशेष सावधानी बरतने, समय-समय पर चिकित्सक को दिखाने और प्रसव अस्पताल मंे ही करवाने की सलाह दी गई।
आरसीएचओ डॉ एमके त्रिपाठी ने बताया कि अभियान मे 14 शहरी चिकित्सा संस्थानों (यूपीएचसी) पर वॉलेंटियर निजी स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी निःशुल्क सेवाएं दी है। इनमें यूपीचसी कुन्हाड़ी में डॉ रितू व्यास, बोरखेड़ा में डॉ मनीषा मित्तल, सूरजपोल में डॉ रजंना गुप्ता, तलवंडी में डॉ निधी बरथूनिया, टिप्टा में डॉ निधी बंसल, सकतपुरा में डॉ अनुराधा अग्रवाल, काला तलाब में डॉ गुरविन्दर कौर, गोविन्द नगर में डॉ अमीना बानों, छावनी मंे डॉ. ललीता लोहानी, विज्ञान नगर में डॉ रेखा अरोड़ा, डीसीएम में डॉ रीना कौषिक, रंगबाड़ी में डॉ आशा नन्दवाना, अनन्तपुरा में डॉ मिली भारद्वाज एवं यूपीएचसी केशवपुरा में डॉ नेहा चित्तोड़ा ने निःशुल्क सेवाएं दी। अभियान में इन निजी चिकित्सकों ने कुल 203 गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
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