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जीवोत्थान पंचांगम्  एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक  समेकित राशि फल सहित)25/10/2021,सोमवार

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25 Oct 21
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जीवोत्थान पंचांगम्  एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक  समेकित राशि फल सहित)25/10/2021,सोमवार

Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman 
दिनांके -(आँग्ल)25/10/2021,सोमवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक 03/08/1943
 03कार्तिक मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
07/07
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)  
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
05/08/2078 
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि) 
पंचमी, कृष्ण पक्ष
कार्तिक
तिथि पंचमी अहोरात्र
पक्ष कृष्ण
नक्षत्र मृगशीर्ष 28:09:38*
योग परिघ24:35:06*
करण कौलव19:04:07
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)कार्तिक
चन्द्र राशि   वृषभ 14:35:44तक।
चन्द्र राशि  मिथुन 14:35:44से।
सूर्य राशि   तुला
सूर्योदय06:40:05
सूर्यास्त18:00:15
दिन काल11:20:09
रात्री काल12:40:22
चंद्रास्त10:35:22
चंद्रोदय21:17:43
सूर्योदयलग्न  तुला7°41' 
,सूर्य नक्षत्र स्वाति
चन्द्र नक्षत्र मृगशीर्ष
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण1 वे मृगशीर्ष 07:48:12
2 वो मृगशीर्ष 14:35:44
3 का मृगशीर्ष 21:22:57
4 की मृगशीर्ष28:09:38*
मुहूर्त
राहु काल08:05 - 09:30अशुभ
यम घंटा10:55 - 12:20अशुभ
अभिजित्11:58 -12:43शुभ
दूर मुहूर्त12:43 - 13:28अशुभ
दूर मुहूर्त14:59 - 15:44अशुभ
चोघडिया, दिन
अमृत06:40 - 08:05शुभ
काल08:05 - 09:30अशुभ
शुभ09:30 - 10:55शुभ
रोग10:55 - 12:20अशुभ
उद्वेग12:20 - 13:45अशुभ
चर13:45 - 15:10शुभ
लाभ15:10 - 16:35शुभ
अमृत16:35 - 18:00शुभ
चोघडिया, रात
चर18:00 - 19:35शुभ
रोग19:35 - 21:10अशुभ
काल21:10 - 22:45अशुभ
लाभ22:45 - 24:20*शुभ
उद्वेग24:20* - 25:55*अशुभ
शुभ25:55* - 27:31*शुभ
अमृत27:31* - 29:06*शुभ
चर29:06* - 30:41*शुभ
होरा, दिन
चन्द्र06:40 - 07:37
शनि07:37 - 08:33
बृहस्पति08:33 - 09:30
मंगल09:30 - 10:27
सूर्य10:27 - 11:23
शुक्र11:23 - 12:20
बुध12:20 - 13:17
चन्द्र13:17 - 14:14
शनि14:14 - 15:10
बृहस्पति15:10 - 16:07
मंगल16:07 - 17:04
सूर्य17:04 - 18:00
होरा, रात
शुक्र18:00 - 19:04
बुध19:04 - 20:07
चन्द्र20:07 - 21:10
शनि21:10 - 22:14
बृहस्पति22:14 - 23:17
मंगल23:17 - 24:20*
सूर्य24:20* - 25:24*
शुक्र25:24* - 26:27*
बुध26:27* - 27:31*
चन्द्र27:31* - 28:34*
शनि28:34* - 29:37*
बृहस्पति29:37* - 30:41*
अंतिम कॉलम अंत समय है.
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)  
++++++++++++++++
विशेष विवेचन -     आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध   -  दक्षिण व ऊपर 
दिशाएँ प्रभावित।  अमृत सिद्धि योग 28.10तक।जनहित योजना ।सैन्य शिक्षा-तकनीकी एवं  विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में  नव चिंतन । ग्राफिक्स  अन्य प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य। 
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
##################
जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान   
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य)   (एकन्दर राशि फल बोध 
++++++++++++
  वृष कन्या मिथुन तुला कुंभ राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , कर्क वृश्चिक मीन के लिए अड़चन फलद समय  तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान 
मेष    -   सुधार 68 %
वृष. -  उलझन 58 %
मिथुन  -मिश्रित 58 %
कर्क.   -  अवरोध 59 %
सिंह. -अच्छा 63  %
कन्या.   - मिश्रित 61  %
तुला.   अवरोध 56 %
वृश्चिक.  परेशानी 67 %
धन. -अनुकूल 67   %
मकर.   -  अच्छा 63 %
कुंभ.   -  अवरोध 56   %
मीन.   -परेशानी 58 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः मिश्रित

फलद  है। 
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि  समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर उत्तरार्द्ध )
 मेष - - अनुकूलता 
वृष - - - -अच्छा 
मिथुन - - - - - - अनुकूलता 
कर्क - - - - -   उलझन 
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - -सुधार 
तुला - - - - परेशानी 
वृश्चिक - - - - उलझन 
धन - - - - - - - -लाभोदय 
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - -  सुधार 
मीन - - - - - - परेशानी 
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख, स्मरण  परब्रह्म  साथ।
   स्वशुद्धभाव  कर्मरत्  हो ,तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,,यथाभाग्य सब लेख। 
सुजन  निभावे पात्रता,आप्राण विधि- प्रलेख।।)} 
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का, 
  अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
   "ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का, 
   'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।। 
 ॐमहर्षि  - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर

दाम्पत्ये जीवने स्नेहे,सार्थकं करकं व्रतम्।
सर्वदा स्नेहभावार्थं, यादवेंद्रेण काम्यते ।।
 


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