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जीवोत्थान पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक समेकित राशि फल सहित)24/10/2021, रविवार

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25 Oct 21
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जीवोत्थान पंचांगम्  एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक  समेकित राशि फल सहित)24/10/2021, रविवार

Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman 
दिनांके -(आँग्ल) 24/10/2021, रविवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक02 /08/1943
02कार्तिक मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
06/07
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)  
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
04/08/2078 
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि) 
चतुर्थी, कृष्ण पक्ष
कार्तिक
तिथि चतुर्थी29:42:54*
पक्ष कृष्ण
 नक्षत्र रोहिणी25:00:31*
योग वरियान23:32:33
करण बव16:21:22
करण बालव29:42:54*
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)कार्तिक
चन्द्र राशि वृषभ
सूर्य राशि   तुला
सूर्योदय06:39:33
सूर्यास्त18:01:01
दिन काल11:21:27
रात्री काल12:39:04
चंद्रास्त09:41:36
चंद्रोदय20:32:50
सूर्योदयलग्न  तुला6°41' 
,'सूर्य नक्षत्र स्वाति
चन्द्र नक्षत्र रोहिणी
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण2 वा रोहिणी11:25:30
3 वी रोहिणी18:12:54
4 वु रोहिणी25:00:31*
मुहूर्त
राहु काल16:36 - 18:01अशुभ
यम घंटा12:20 - 13:45अशुभ
 अभिजित्11:58 -12:43शुभ
दूर मुहूर्त16:30 - 17:16अशुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग06:40 - 08:05अशुभ
चर08:05 - 09:30शुभ
लाभ09:30 - 10:55शुभ
अमृत10:55 - 12:20शुभ
काल12:20 - 13:45अशुभ
शुभ13:45 - 15:11शुभ
रोग15:11 - 16:36अशुभ
उद्वेग16:36 - 18:01अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ18:01 - 19:36शुभ
अमृत19:36 - 21:11शुभ
चर21:11 - 22:46शुभ
रोग22:46 - 24:21*अशुभ
काल24:21* - 25:55*अशुभ
लाभ25:55* - 27:30*शुभ
उद्वेग27:30* - 29:05*अशुभ
शुभ29:05* - 30:40*शुभ
होरा, दिन
सूर्य06:40 - 07:36
शुक्र07:36 - 08:33
बुध08:33 - 09:30
चन्द्र09:30 - 10:27
शनि10:27 - 11:24
बृहस्पति11:24 - 12:20
मंगल12:20 - 13:17
सूर्य13:17 - 14:14
शुक्र14:14 - 15:11
बुध15:11 - 16:07
चन्द्र16:07 - 17:04
शनि17:04 - 18:01
होरा, रात
बृहस्पति18:01 - 19:04
मंगल19:04 - 20:08
सूर्य20:08 - 21:11
शुक्र21:11 - 22:14
बुध22:14 - 23:17
चन्द्र23:17 - 24:21*
शनि24:21* - 25:24*
बृहस्पति25:24* - 26:27*
मंगल26:27* - 27:30*
सूर्य27:30* - 28:34*
शुक्र28:34* - 29:37*
बुध29:37* - 30:40*
अंतिम कॉलम अंत समय है.
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)  
++++++++++++++++
विशेष विवेचन -     आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध   -  करवा करक चतुर्थी। दशरथ ललिता व्रत। रोहिणी व्रत जैन। चंद्रोदय 20.33स्थानीय।वायव्य व ऊर्द्ध दिशाएँ प्रभावित।जल  जनहित योजना । शिक्षा-तकनीकी एवं  विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में  नव चिंतन । ग्राफिक्स मिश्रित प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य। 
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
##################
जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान   
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य)   (एकन्दर राशि फल बोध 
++++++++++++
मेष मकर वृश्चिक राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , तुला मिथुन कुंभ के लिए अड़चन फलद समय  तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान 
मेष    -   मिश्रित 63 %
वृष. -  सुधार 61 %
मिथुन  -अवरोध 54 %
कर्क.   - अनुकूलता 59  %
सिंह. - अच्छा 63 %
कन्या.   -   अनुकूल 62 %
तुला.  परेशानी 67 %
वृश्चिक.  मिश्रित 58 %
धन. -   सुधार 61 %
मकर.   -  ठीक ठाक 52 %
कुंभ.   - अवरोध 56    %
मीन.   -अच्छा 63 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः.अच्छी फलद  है। 
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि  समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर उत्तरार्द्ध )
 मेष - - अनुकूलता 
वृष - - - -अच्छा 
मिथुन - - - - - - अनुकूलता 
कर्क - - - - -   उलझन 
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - -सुधार 
तुला - - - - परेशानी 
वृश्चिक - - - - उलझन 
धन - - - - - - - -लाभोदय 
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - -  सुधार 
मीन - - - - - - परेशानी 
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख, स्मरण  परब्रह्म  साथ।
   स्वशुद्धभाव  कर्मरत्  हो ,तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,,यथाभाग्य सब लेख। 
सुजन  निभावे पात्रता,आप्राण विधि- प्रलेख।।)} 
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का, 
  अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
   "ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का, 
   'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।। 
 ॐमहर्षि  - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर
 


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