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जीवोत्थान - पंचांगम् 31/10/2020,- शनिवार

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31 Oct 20
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जीवोत्थान - पंचांगम्  31/10/2020,- शनिवार

Dainikam Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - 
दिनांके -(आँग्ल)31/10/2020,
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक 09/08/1942
09कार्तिक 1942)
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
13/07/1955885121#(#पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंश अंकतः स्थानीय व्यवस्था) 
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
30/07*/2077(*2)
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि पर +, क्षय पर - अंकित, स्थानीय व्यवस्था) 
हेमंत ऋतु। दक्षिणायन
आश्विन
तिथि पूर्णिमा20:18:02
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र अश्विनी17:56:43
योग सिद्वि28:24:34*
करण विष्टि भद्रा7:01:25
करण बव20:18:02
वार शनिवार
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)आश्विन 
चन्द्र राशि  मेष
सूर्य राशि   तुला 
विक्रम संवत् 2077 
शाकाब्द 1942
सूर्योदय06:43:35
सूर्यास्त17:55:51
दिन काल11:12:15
रात्री काल12:48:19
चंद्रोदय18:00:55
चंद्रास्त31:07:06*
मुहूर्त
राहुकाल09:32 - 10:56अशुभ
यम घंटा13:44 - 15:08अशुभ
अभिजित्11:57 -12:42शुभ
दूर मुहूर्त08:13 - 08:58अशुभ
गंड मूल06:44 - 17:57अशुभ
चोघडिया, दिन
काल06:44 - 08:08अशुभ
शुभ08:08 - 09:32शुभ
रोग09:32 - 10:56अशुभ
उद्वेग10:56 - 12:20अशुभ
चर12:20 - 13:44शुभ
लाभ13:44 - 15:08शुभ
अमृत15:08 - 16:32शुभ
काल16:32 - 17:56अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ17:56 - 19:32शुभ
उद्वेग19:32 - 21:08अशुभ
शुभ21:08 - 22:44शुभ
अमृत22:44 - 24:20*शुभ
चर24:20* - 25:56*शुभ
रोग25:56* - 27:32*अशुभ। 
काल27:32* - 29:08*अशुभ
लाभ29:08* - 30:44*शुभ
होरा, दिन
शनि06:44 - 07:40
बृहस्पति07:40 - 08:36
मंगल08:36 - 09:32
सूर्य09:32 - 10:28
शुक्र10:28 - 11:24
बुध11:24 - 12:20
चन्द्र12:20 - 13:16
शनि13:16 - 14:12
बृहस्पति14:12 - 15:08
मंगल15:08 - 16:04
सूर्य16:04 - 16:59
शुक्र16:59 - 17:56
होरा, रात
बुध17:56 - 18:59
चन्द्र18:59 - 20:04
शनि20:04 - 21:08
बृहस्पति21:08 - 22:12
मंगल22:12 - 23:16
सूर्य23:16 - 24:20*
शुक्र24:20* - 25:24*
बुध25:24* - 26:28*
चन्द्र26:28* - 27:32*
शनि27:32* - 28:36*
बृहस्पति28:36* - 29:40*
मंगल29:40* - 30:44*
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आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध -शरद् पूर्णिमा। वाल्मीकि जयंती। कार्तिक मास स्नान प्रारंभ। अधो दिशा, भूतल सतह, नीचे के अंग व भाग तथा राजपक्ष प्रभावित।असामयिक अप्रिय घटना कहीं कहीं दृष्टिगोचर। जनहित योजना क्रियान्वयन। शिक्षा-तकनीकी एवं  विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में  नव चिंतन । ग्राफिक्स नीचे भाग पर।  ############## 
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य। 


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