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जीवोत्थान - पंचांगम् 30/05/2020,- शनिवार

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29 May 20
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जीवोत्थान - पंचांगम् 30/05/2020,- शनिवार

Dainikam Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam -  दिनांके -(आँग्ल) 30/05/2020,-
शनिवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक - 09/03/1942
09ज्येष्ठ 1942)
भारतीय पंचांगं दिनांक
23/03/2077( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि पर +, क्षय पर - अंकित, स्थानीय व्यवस्था) 
सौर ज्येष्ठ  , शुक्ल पक्ष।
ग्रीष्म ऋतु। उत्तर गोलायन। 
तिथि अष्टमी19:56:56 तक। तदग्रे 9
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र मघा 06:01:45 तक। तदग्रे पूर्वा फाल्गुनी
नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी28:41:35*
योग हर्षण19:26:02 तक।
करण विष्टि भद्र08:58:55 तक।
करण बव19:56:56
वार शनिवार
माह (अमावस्यांत)ज्येष्ठ
माह (पूर्णिमांत)ज्येष्ठ
चन्द्र राशि   सिंह
सूर्य वृष
विक्रमी संवत् 2077
शकाब्द 1942
सूर्योदय05:47:55
सूर्यास्त19:17:54
दिनकाल13:29:58
रात्रीकाल10:29:51
चंद्रोदय12:38:53
चंद्रास्त25:44:42*
लग्न सूर्योदयी   वृषभ14°56' ,
'सूर्य नक्षत्र रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र मघापद, नामकरण-
चरण4 मे मघा 06:01:45तक।
1 मो पूर्व फाल्गुनी11:43:55
2 टा पूर्व फाल्गुनी17:24:35
3 टी पूर्व फाल्गुनी23:03:47
4 टू पूर्व फाल्गुनी28:41:35*
मुहूर्त
राहुकाल09:10 - 10:52अशुभ
यमघंटा14:14 - 15:55अशुभ
अभिजित् 12:06 -12:59शुभ
दूर मुहूर्त07:36 - 08:30अशुभ
चोघडिया, दिन
काल05:48 - 07:29अशुभ
शुभ07:29 - 09:10शुभ
रोग09:10 - 10:52अशुभ
उद्वेग10:52 - 12:33अशुभ
चर12:33 - 14:14शुभ
लाभ14:14 - 15:55शुभ
अमृत15:55 - 17:37शुभ
काल17:37 - 19:18अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ19:18 - 20:37शुभ
उद्वेग20:37 - 21:55अशुभ
शुभ21:55 - 23:14शुभ
अमृत23:14 - 24:33*शुभ
चर24:33* - 25:52*शुभ
रोग25:52* - 27:10*अशुभ
काल27:10* - 28:29*अशुभ
लाभ28:29* - 29:48*शुभ
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आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध , । शुक्रास्त पश्चिम में। व्यापार उद्योग शिक्षा-तकनीकी एवं न्याय विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में अवरोध । वृषार्क,। ##############
*अन्तिम कालम अन्त  समाप्तिकाल है।   
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।  
 


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