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भगवान महावीर के सिद्धान्त आज भी प्रासांगिक है : मीणा

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19 Apr 19
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भगवान महावीर के सिद्धान्त आज भी प्रासांगिक है : मीणा

सिरोही। अहिंसा के पूजारी श्रमण भगवान महावीर का जन्म कल्याणक के अवसर पर पावापुरी तीर्थ-जीव मैत्रीधाम में पावापुरी चौमुखा जल मंदिर में सवेरे पक्षाल पूजा विधि विधान के साथ हुई। मूल मंदिर में भगवान की खडी प्रतिमा को विषेश रूप से सजाया गया और षाम को आंगी रचना की गई। सिरोही के पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा ने यहां परमात्मा के दर्षन व दीपक पूजा कर सर्व कल्याण की कामना की। मीणा ने कहा कि भगवान महावीर ने जो सिद्धांत प्रतिपादित किए आज २६१८ वर्श बाद भी पुरी तरह प्रासांगिक हैं। आज भी व्यक्ति उनके सिद्धांतो को अपने जीवन में अपना लेवे तो उसको किसी प्रकार का कश्ट नही हो सकता हैं। भगवान महावीर ने जिओ ओर जीने दो व अहिंसा परमो धर्म की जो बात कही ह उससे ही विष्व में षांति व सद्भाव सम्भव हैं।

    पुलिस अधीक्षक का कार्य भार संभालने के बाद पहली बार आज पावापुरी तीर्थ-जीव मैत्रीधाम में पधारने पर ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने उनका स्वागत करते हुए तीर्थ व गौषाला की सम्पूर्ण जानकारी दी।

    भगवान महावीर का सिरोही जिले में विचरण का विषेश उल्लेख प्राचीन ग्रन्थों में मिलता हैं और अनेक प्राचीन तीर्थ जो उनके जीवन काल में बने इसलिए उन तीर्थों को  ’’जीवित स्वामी‘‘ का नाम दिया गया हैं जिनमें स्वरूपंगंज के निकट ’’दियाणा‘‘ पिंडवाडा के निकट ’’नांदिया‘‘ एवं पाली जिले में ’’नाणा‘‘ प्रमुख हैं। इन तीनों स्थानों पर महावीर स्वामी की विषाल प्रतिमा व मनमोहक प्राचीन जिनालय बने हुए हैं। इन सभी प्राचीन तीर्थो के अलावा जिले में अनेक स्थानों पर भगवान महावीर के मंदिरों में आज विषेश पूजा अर्चना हुई व जैन धर्मावलियों ने प्रभात फैरी व षोभायात्रा निकाल कर परमात्मा महावीर के बताये गये मार्गो का स्मरण कर उन पर चलने का संकल्प किया।

 

 


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