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शीत ऋतु में ट्रेक की सुरक्षा के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने किये इंतजाम

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05 Dec 18
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शीत ऋतु में ट्रेक की सुरक्षा के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने किये इंतजाम सर्दियों का मौसम आमजन के साथ-साथ रेल संचालन के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है। तापमान में सामान्य से अधिक गिरावट होने से रेल पटरियों में खिचाव आ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेक के कमजोर स्थान पर फ्रेक्चर आ जाता है। यह सम्भावना भीषण सर्दी के समय अधिक रहती है। इससे निपटने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने अपनी तैयारियाँ समय रहते पूर्ण कर ली है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्फ अधिकारी श्री अभय शर्मा के अनुसार उत्तर पश्चिम रेल प्रशासन द्वारा अक्टूबर माह में ही चारों मण्डलों को अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाने के निर्देश दे दिये थे। जिन रेलखण्डों पर फ्रेक्चर की संभावना अधिक होती है, वहाँ सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। इसके लिए सुबह पाँच बजे से ही कीमैन द्वारा अतिरिक्त सघन जाँच करने के निर्देश दिये गए है। उन्हें शीतकालीन प्रशिक्षण के साथ-साथ किसी भी कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त जोगल प्लेट/फिश प्लेट ज्वांइट उपलब्ध करवाये गये है। रेल पटरियों के तापमान पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है तथा सभी रूट पर फिटिंग्स की सम्पूर्णता सुनिश्चित की जा रही है। रेल सुपरवाइजरों तथा अधिकारियों द्वारा रात्रीकालीन फुटप्लेट निरीक्षण नियमित रूप से किये जा रहे है। रेल फ्रेक्चर तथा वेल्डिंग में कमी की समीक्षा कर उन्हें सुधारा जा रहा है। ट्रेक के डीस्ट्रेसिंग के दौरान पटरी को काट कर उसके तनाव को खत्म कर पुनः जोडा जाता है, जिससे फ्रेक्चर की सम्भावना नहीं रहती है। समय-समय पर पुरानी पटरियों को नई पटरियों से बदला जा रहा है। रेल पटरी के जोडों पर आँइलिंग व ग्रीसिंग का कार्य करते समय आवर्धक लैंस द्वारा फ्रेक्चर की पहचान सूक्ष्म तरीके से की जाती है।



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