सिरोही। श्री पावापुरी तीर्थ जीव मैत्रीधाम में नवम्बर माह में १२ श्री सिद्धचक्र महापूजन होगें। ये पूजन भवचक्र का अन्त करने वाला एक ऐसा पूजन है जिसकी आराधना से सिद्धी प्राप्त होती है। जैनग्रथों के अनुसार आज तक जितने भी सिद्ध पुरूष हुए हैं उन्होने इस महाचक्र की आराधना की हैं इसमें राशि ग्रह नक्षत्र एवे परमात्मा का विधिविधान के साथ भव्य पूजन होता हैं।
के पी संघवी परिवार की ओर से १५१ सिद्धचक्र पूजन करवाने के संकल्प के तहत ४ नवम्बर, ७ नवम्बर दीपावली तथा ८ से १२ नवम्बर तक प्रतिदिन विजयमुहुर्त मे ये पूजन शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय में होंगे।
दीपावली के दिन यह पूजन सुबह ९ बजे से १ बजे तक होगा।
तीर्थ संस्थापक कीर्तिभाई संघवी ने बताया कि दीपावली के पावन पर्व पर श्री पावापुरी तीर्थ में विशेश सजावट, रंगोली व रोशनी की गई हैं ओर दीपावली को भगवान महावीर का निर्वाण महोत्सव रात्रि ७ से १० बजे तक विधिपूर्वक भक्ति संगीत के साथ आयोजित किया गया है। इस महोत्सव में सम्पूर्ण के पी संघवी परिवार एवं देशभर से श्रद्वालु भाग लेगें। प्रतिवर्श दीपावली से लाभ पाचम तक हजारों की तादाद में यात्रिक पावापुरी दर्शन व गौपूजन के लिए आते हैं।
धनतेरस ५ नवम्बर को पूजन का लाभ मारोल निवासी नवलमल तातेड परिवार एवं छोटी दीपावली ६ नवम्बर को पूजन का लाभ जेतावाडा निवासी प्रवीण भाई शाह ने लिया है।
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