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प्रारम्भिक बाल्यावस्था विकास एवं शाला पूर्व दक्षता विकास कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को दिया प्रशिक्षण

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08 Feb 23
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प्रारम्भिक बाल्यावस्था विकास एवं शाला पूर्व दक्षता विकास कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को दिया प्रशिक्षण

जैसलमेर, महिला एवं बाल विकास विभाग जैसलमेर व पीरामल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रारम्भिक बाल्यावस्था विकास एवं शाला पूर्व दक्षता विकास कार्यक्रम का आयोजन सुभाष बिश्नोई, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, जैसलमेर के निर्देशन में किया गया।

कार्यक्रम के अंतर्गत सम, सांकड़ा एवं जैसलमेर परियोजना के सभी सेक्टरों और जैसलमेर व पोकरण शहरी सेक्टर की आगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

बाल विकास परियोजना अधिकारी खंड सांकड़ा करण सिंह व सांकड़ा परियोजना के महिला पर्यवेक्षक स्नेहलता शर्मा, कौशल्या मीणा तथा सम के महिला पर्यवेक्षक रेखा उपाध्याय, सीमा इंदा तथा जैसलमेर परियोजना के महिला पर्यवेक्षक कांता आचार्य, पुष्पा जयपाल एवं पीरामल फाउंडेशन के जिला प्रोग्राम लीड मनीष बिश्नोई, पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीड तपेश खत्री, प्रोग्राम लीड समीर अहमद, गांधी फेलो भूषण राजपूत, हर्षाली झलके, अजय शर्मा उपस्थित रहे।

इस अवसर पर पीरामल फाउंडेशन की टीम ने आगनवाड़ी कार्यकर्ताओ से प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास एवं शाला पूर्व दक्षता कार्यक्रम के अनुभव को जाना। प्रारम्भिक बाल्यावस्था विकास एवं शाला पूर्व दक्षता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 1 से 10 सप्ताह की पुस्तको का फॉक्स ग्रुप डिस्कशन किया गया गया और उन्हें आगामी 20 सप्ताह की पुस्तके भी वितरित की गई।

पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम लीड तपेश खत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जैसलमेर जिले की 7 पंचायत समितियों से चुने गए कुल 200 आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिला एवं बाल विकास विभाग के 6 स्तंभो में से एक महत्वपूर्ण स्तम्भ ‘‘शाला-पूर्व शिक्षा‘‘ को संबल प्रदान करना है तथा 3 साल से लेकर 6 साल तक के बच्चों मे शाला-पूर्व शिक्षा के तहत सामाजिक एवं भावनात्मक विकास भी किया जाना है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा बच्चो को बाल गीतों, कविताओं के माध्यम से सीखाया जा रहा है जिससे बच्चो के सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक विकास हो सके।


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