ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हिजाब के खिलाफ देशभर में जारी विरोध–प्रदर्शनों पर सोमवार को चुप्पी तोड़़ी और हिंसक दंगों की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनों की साजिश में अमेरिका और इस्राइल का हाथ है॥। खामनेई ने ईरान की धर्माचार पुलिस की हिरासत में २२ वर्षीय महसा अमीनी की मौत को ‘दुखद घटना' करार दिया। गौरतलब है कि कथित तौर पर हिजाब ठीक से नहीं पहनने के चलते धर्माचार पुलिस ने अमीनी को हिरासत में लिया था और बाद में उनकी मौत के बाद देशभर में विरोध–प्रदर्शन होने लगे। खामनेई ने विरोध–प्रदर्शनों को ‘विदेशी साजिश' करार देते हुए इसकी निंदा की और दावा किया कि इसका इरादा ईरान को अस्थिर करना है। तेहरान में पुलिस प्रशिक्षुओं के कैड़र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा‚ ‘यह सुनियोजित दंगे थे। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि इन दंगों के पीछे अमेरिका और यहूदी शासन का हाथ था।' महसा अमीनी की हिरासत में मौत की घटना के तीन सप्ताह बाद भी देश भर में हिजाब विरोधी प्रदर्शन जारी हैं।