नईं दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान राज में जिस तरह से अल्पसंख्यक समुदायों को नजरअंदाज किया गया है, उससे पड़ोसी तजाकिस्तान (ताजिकिस्तान) बहुत नाराज हो गया है। मध्य एशिया में भारत का रणनीतिक सहयोगी और अफगानिस्तान के पड़ोसियों में से एक ताजिकिस्तान ने काबुल में तालिबान सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इसकी वजह है कि तालिबान की सरकार में केवल पश्तून समुदाय की भागीदारी। तजाकिस्तान की आपत्ति इस बात को लेकर है कि यह तो केवल पश्तुनों की सरकार है, इसमें न तो ताजिक समुदाय को उचित भागीदारी मिली है और न तो हजारा को।तजाकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने सख्त लहजे में तालिबान से सरकार में सभी अल्पसंख्यकों की भागीदारी के साथ अफगान में एक समावेशी सरकार लाने को कहा है। साथ ही नाम लिए बगैर पाकिस्तान को भी लपेटा है।