वॉशिंगटन। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने ‘आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते’ के भारत के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कोई भी उच्च-स्तरीय बातचीत तब-तक निरर्थक रहेगी जब तक इस्लामाबाद अपनी सरजमीं से आतंकवादी ठिकानों को नहीं हटाता। हक्कानी ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान की भारत के साथ वार्ता की हालिया पहल को उस पर पड़ रहे आर्थिक एवं अंतरराष्ट्रीय दबाव के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। उनका यह बयान किर्गिस्तान में 13 - 14 जून को आयोजित हो रहे ‘शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन’ से पहले आया है।