तोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अगले सप्ताह सत्ताधारी पार्टी के नेता के रूप में तीसरी बार चुने जाने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं ताकि वह सत्ता में आकर युद्ध नहीं करने की बात करने वाले देश के संविधान को बदल सकें। गौरतलब है कि जापान के मौजूदा संविधान के एक प्रावधान के तहत देश ना तो किसी अन्य राष्ट्र से युद्ध कर सकता है और नाहीं वह अपनी सेना रख सकता है।
खबरों की माने तो आबे को लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के 70 प्रतिशत सांसदों का समर्थन हासिल हो गया है और अगर वह जीतते हैं तो संविधान बदलने की संभावना पर उन्हें तीन और साल काम करने का मौका मिलेगा। हालांकि उन्हें अर्थव्यवस्था और अन्य प्राथमिकताओं के मोर्चों पर भी काम करना होगा।
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