ड्रैगन की अकड़ को ढीला करेगी चौकड़ी
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14 Nov 17
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नई दिल्ली हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ड्रैगन की अकड़ को ढीला करने के लिये भारत ने जो चाल चली है आने वाले दिनों में उसके नतीजे सामने आने लगेंगे। फिलीपींस की राजधानी मनीला में भारत की पहल पर अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के साथ महागठबंधन को लकेर आधिकारिक र्चचा हुई। कूटनयिक क्षेत्रों में माना जा रहा है कि यह चौकड़ी आने वाले समय में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में न केवल जीन के दबदवे को कम करेगी बल्कि इस क्षेत्र के सारे सामरिक खेल को ही बदल देगी। चीन इस नये गठबंधन को लेकर तमतमाया हुआ है। उसकी नाराजागी मसझ में आने वाली भी है क्योंकि एशिया क्षेत्र में चीन येनकेन प्रकारणोन अपने वर्चस्व को बढ़ाने में लगा हुआ है। यह वह क्षेत्र है जहां चीन लगातार अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। इससे क्षेत्र के देशों को खतरा बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर आये दिन चीन का टकराव जापान और भारत के साथ देखने को मिलता है। चीन की दादागीरी से अमेरिका भी परेशान है और उसने भारत की इस पहल को अमलीजामा पहनाने पर जैसे ही अपनी रजामंदी दिखायी चारो देशों के अधिकारियों ने इस गठबंधन को आकार देने की कोशिशें शुरू कर दीं। कूटनयिक दृष्टि से यह इस क्षेत्र में चीन को घेरने की योजना मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि यदि चारो देशों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक गठजोड़ हो गया तो इस क्षेत्र में खेल के नियम बदल जाएंगे। इसके अलावा इन चारो देशों में चीन का बड़ा व्यापार फैला हुआ है। यदि चारो देशों ने तय कर लिया तो चारो मिलकर चीन पर व्यापार को संतुलित करने का दवाब बना सकते हैं। और यदि ऐसा हुआ तो आर्थिक तौर पर इसे चीन के लिए बड़ा झटका माना जाएगा। इतना ही नहीं आने वाले दिनो में यह चौकड़ी चीन की वन वेल्ट वन रोड योजना के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकती है। उल्लेखनीय है कि भारत पहले से ही चीन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से अपने को दूर किये हुये है और पिछले दिनों अमरीका ने भी इस परियोजना को लेकर अपनी चिंता जताकर भारत का साथ दिया है। चारो देशों ने आसियान शिखर सम्मेलन से इतर बैठक कर चीन को साफ संकेत दे दिया है कि हिंद- प्रशांत क्षेत्र में उसकी दादागीरी के दिन अब लदने वाले हैं।
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