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मुफ्त जांच शिविर व कैंसर के प्रति जागरूकता हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन

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05 Feb 23
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मुफ्त जांच शिविर व कैंसर के प्रति जागरूकता हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन


विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सवेरा कैंसर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में मुफ्त जांच शिविर व कैंसर के प्रति जागरूकता हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर सैकड़ों मरीजों को निशुल्क परामर्श दिया गया, साथ ही उनके खून जाँच, X-Ray, अल्ट्रासाउंड मुफ्त प्रदान किया गया




मौके पर आयोजित प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश के प्रख्यात वरीय कैंसर सर्जन डॉ० वी० पी० सिंह ने कहा कि भारत में कैंसर 2025 तक ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा मामले होने का अनुमान है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर के केस भी एक लाख से ज्यादा हो सकते हैं।

भारत में पिछले चार साल के पीछे कैंसर रोगियों की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। नैशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 के अनुसार, इस वक्त देश में कैंसर के 13.9 लाख मामले हैं। यह आंकड़ा 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच सकता है। कैंसर के कुल मामलों को देखें तो यह पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। आगे भी यही ट्रेंड बरकरार रहने का अनुमान है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नैशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फार्मेटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल कैंसर प्रभावित पुरुषों की संख्या 6.8 लाख जबकि महिलाओं की संख्या 7.1 लाख रहेगा। 2025 तक पुरुषों में कैंसर के 7.6 लाख मामले तथा महिलाओं में 8.1 लाख मामले हो सकते हैं। 2025 तक कैंसर का सबसे आम रूप ब्रेस्ट कैंसर (2.4 लाख) होने का अनुमान है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर के 1.1 लाख मामले तथा मुंह के कैंसर के 90 हजार मामले सामने आ सकते हैं। भारत में कैंसर के कुल मामलों का करीब 27 प्रतिशत तंबाकू जनित होने की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में कुल मामलों में 27.1% मामले (3.71 लाख ) तंबाकू से संबंधित कैंसर के हैं। महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर (2 लाख) जबकि सर्विक्स कैंसर के 75 हजार केस होने का अनुमान है।

शरीर मे कैंसर कैसे होता है शरीर में 100 से 1000 तक खराब सेल्स (कोशिका) होते है। हर समय हमारी बॉडी में नये सेल्स पैदा होते है और पुराने खराब सेल्स समाप्त भी होते है। पर कैंसर होने पर लाल और सफेद रक्त कोशिकायो का संतुलन बिगड़ जाता है और सेल्स की बढ़ोतरी कंट्रोल से बाहर हो जाती है, जो कैंसर का रूप ले लेता है।

कैंसर होने का कारण क्या-क्या है - नशा का सेवन करने से जैसे- खैनि, गुटखा, तंबाखू, पान मशाला, बीड़ी, सिगरेट, शराब आदि से। ख़ान-पान से जैसे- ज़्यादा चर्बी वाले चीज़ो को खाने से, ज़्यादा नमक खाने से, जो खाना पचने मे ज़्यादा समय लेता है उससे, ज़्यादा समय से एक ही जगह पर बैठने से मोटापा, हेपटाइटिस ब और एचाइवी के वाइरस की वजह से भी। महिलाओ मे कैंसर के वजह, - बच्चो को अपना दूध नही पिलाने से, ज़्यादा गर्व निरोधक दावा का इस्तेमाल से। मासिक धर्म के बाद अंडरआर्म या फिर ब्रैस्ट में गांठ दिखाई पड़ना। ब्रेस्ट की त्वचा में कोई भी बदलाव महसूस होना। या गड्ढा हो जाना।

कैंसर का लक्षण मूह के अंदर छाले होना, मूह का सुकड़ना और पूरी तरह मूह का ना खुलना । खाना खाने चबाने, निगलने या हज़्म करने में परेशानी होना। कमर में हमेशा दर्द होना । पेसाब की आदतो मे बदलाव होना, पेशाब में आनेवाले ख़ून । लगातार खाँसी होना या आवाज़ का बैठ जाना, खांसी के दौरान ख़ून का आना। ब्रेस्ट में या फिर शरीर के किसी और हिस्से में गाँठ बनाना। ख़ून की कमी की बिमारी अनीमिया। प्रोस्टेट के परीक्षण के असामान्य परिणाम | मीनोपॉस के बाद ख़ून आना।

कैंसर से कैसे बचे / घरेलू उपचार पान, गुटखा, सिगरेट किसी भी नशा का सेवन बिल्कुल ना करे। फल, हरी सब्जी का ज़्यादा इस्तेमाल करे कैंसर की श्रेणी में सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए एक वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है और यह तीन डोज के रूप में पहले से छटे महीने के अंदर दिया जा सकता है और यह टीका 11 वर्ष से 40 वर्ष की महिलाओं को दिया जा सकता है जिसकी मदद से कैंसर का खतरा बहुत हद तक कम हो सकता है।


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