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9वीं न्यूरो कॉन्फ्रेंस स्ट्रोक के उपचार की नवीन पद्धतियो पर हुआ मंथन

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17 Dec 22
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9वीं न्यूरो कॉन्फ्रेंस स्ट्रोक के उपचार की नवीन पद्धतियो पर हुआ मंथन

उदयपुर।  पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साईन्सेस की ओर से दो दिवसीय कान्फ्रेस शुरू हुई। उदयपुर कोर्स ऑन न्यूरो साईन्सेस -2022 की नवीं कान्फ्रेस में 250 से ज्यादा चिकित्सकों ने भाग लिया। कान्फ्रेस के पहले दिन डॉ.अतुलाभ वाजपेयी एवं डॉ.नरेंद्र मल ने कॉन्फेंस में आये सभी मस्तिष्क रोग विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए 9वें उदयपुर कोर्स ऑन न्यूरो साईन्सेस -2022, में सम्मिलित किये गए विषयों पर प्रकाश डाला जिसके तहत स्ट्रोक के उपचार की विभिन पद्धतियो, न्यूरोइंटरवेंशन में प्रयोग में लिए जाने वाले  नवीन उपकरणों,मिर्गी के उपचार में होने वाले नवाचार,मिर्गी के उपचार में होने वाली सर्जरी आदि विषयों पर देश विदेश से आये विशेषज्ञों ने प्रेजेंटेशन दिया।
इस दौरान दिल्ली मेदांता हॉस्पिटल से आये देश के ख्यातनाम मिर्गी रोग विशेषज्ञ डॉ.आत्माराम बंसल ने विभिन्न उम्र के अनुसार मिर्गी के प्रभाव,मिर्गी रोग को पहचानने एव उसकी जांच,मिर्गी रोग के अलग अलग  विशेष उपचार प्रणाली की गाइडलाइन के बारे में बताया। 
इस अवसर पर सेवन हिल्स हॉस्पिटल के डॉ आदित्य गुप्ता नेे मिर्गी रोग में होने वाली सर्जरी के बारे में,मिर्गी की सर्जरी के लिए उपयुक्त रोगी के चुनाव जिससे मरीज को सर्जरी के द्वारा अधिकतम लाभ मिल सके। मिर्गी सर्जरी के लिए जरूरी संसाधनों के बारे में बताया। मेदांता हॉस्पिटल के न्यूरोइंटरवेंशन विशेषज्ञ डॉ गौरव गोयल ने एक्यूट स्ट्रोक के रोगी के उपचार में समय पर की जाने वाली मेकैनिकल थ्रोमबेक्टमी के द्वारा लकवा रोगी को जीवन भर की शारीरिक अपंगता से बचाये जाने वाले न्यूरोइंटरवेंशन उपचार पर प्रकाश डाला तथा उपचार की नवीन तकनीकी के बारे में बताया, साथ ही डॉ गोयल ने मस्तिष्क की रक्त धमनियों में बनने वाले गुब्बारे के उपचार के सम्बंध में बताया कि किस तरह से नवीन रक्त के बहाव को डाइवर्ट करके गुब्बारे को फटने से बचाया जा सकता है। 
डॉ. अरविंद नंदा ने मस्तिष्क के भीतर की रक्त धमनियों में बनी विकृतियों के उपचार में न्यूरोइंटरवेंशन तकनीकी के बारे में बताया। डॉ.अतुलाभ वाजपेयी ने लकवा रोगी के मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को सुचारू बनाये रखने में प्रयोग में लायी जाने वाली कैरोटिड एंजियोप्लास्टी तकनीक व इसके द्वारा मरीज को किस तरह जीवन काल मे पुनः लकवे के अटैक से बचाया जा सकता है, पर बताया। 
इस अवसर पर डॉ.अतुलाभ वाजपेयी ने बताया कि पेसिफिक सेन्टर ऑफ न्यूरो साईन्सेस में देश में सर्वप्रथम लकवा के मरीजो के इलाज के लिए न्यूरों इन्टरवेंशन में फैलोशिप कार्यक्रम शुरू किया गया है साथ ही ‘अब लकवा और नहीं‘ अभियान के माध्यम से आदिवासी बाहुल इलाकों के हजारों  लकवा के मरीजों को लाभ पहुचाया इस अभियान में स्ट्रोक सपोर्ट गु्रप के महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन में राजस्थान के वरिष्ठ व सर्वाधिक अनुभवी मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ.ए.ए.सैफी ने प्रदेश के मस्तिष्क रोग के उपचार चिकित्सा सेवाओं कर इतिहास पर प्रकाश डाला और नियमित होने वाले विकास की सराहना की।
इस अवसर पर पीएमसीएच चेयरमेन प्रीति अग्रवाल ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस आने वाले समय में उदयपुर एवं मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विधार्थीयों के लिए भी उपयोगी साबित होगी। 
 


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