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नितिज मुर्डिया नेशननल एआरटी और सरोगेसी बोर्ड के सदस्य नियुक्त

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12 Aug 22
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नितिज मुर्डिया नेशननल एआरटी और सरोगेसी बोर्ड के सदस्य नियुक्त

उदयपुर। पिछले कुछ वर्षों में नि:संतानता उपचार के लिए असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक की बढ़ती मांग और विनियमन की जरूरत को देखते हुए संसद में विधेयक पारित हो गये हैं। केंद्र सरकार ने असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेग्युलेशन) एक्ट, 2021 और सरोगेसी (रेग्युलेशन) एक्ट, 2021 के प्रयोजनों के लिए नितिज मुर्डिया को नेशनल असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी एंड सरोगेसी बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। मुर्डिया
देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ  के निदेशक, सह-संस्थापक और एक भ्रूणविज्ञानी हैं।
अपनी नियुक्ति पर इन्दिरा आईवीएफ  के निदेशक और सह-संस्थापक नितिज मुर्डिया ने कहा कि एआरटी और सरोगेसी के उपचार भारत में क्रमश: चार और दो दशकों से उपलब्ध है लेकिन जागरूकता के अभाव में ज्यादातर लोग इसे अपनाने में संकोच करते थे। दोनों अधिनियम भारत में एआरटी और सरोगेसी सेवाओं की इच्छा रखने वाले मरीजों के लिए एक सशक्त आधार साबित होगें क्योंकि यह प्रक्रिया में पारदर्शिता लाते हैं। ये रोगियों को सफलता के प्रमाण, विशेषज्ञता और फीडबैक के आधार पर सेवा प्रदाताओं को चुनने की क्षमता प्रदान करेगा। इन नियमों से मेडिकल ट्यूरिज्म की गुंजाइश भी बढ़ेगी, और एआरटी उपचार के लिए भारत को वैश्विक मानचित्र पर सर्वोत्तम स्टेण्डर्ड और परिणामों के साथ स्थान मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
इन्दिरा आईवीएफ  ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया ने बधाई देते हुए कहा कि नि:संतानता और उपचार को लेकर किये गये प्रयासों के सफल परिणाम सामने आ रहे हैं। एआरटी व सरोगेसी बिल पारित होने से मरीजों के साथ क्लीनिकों के लिए भी प्रोटोकॉल का पालन करना आसान होगा और उपचार में पारदर्शिता बढ़ेगी। इन्दिरा आईवीएफ  ग्रुप के सीईओ तथा सह-संस्थापक डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि एआरटी और सरोगेसी में नैतिकता का पालन किया जाना चाहिए, इस दिशा में सरकार के प्रयास सराहनीय हैं और इसके भविष्य में अच्छे परिणाम सामने आएंगे।


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