उदयपुर। नाक से होता हुआ दिमाग तक पहुंच चुके ब्रेन ट्यूमर (एस्थिसियो न्यूरो ब्लास्टोमा ) से पीडत महिला का बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के न्यूरो साइंसेस विभाग में निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। इस तरह का ट्यूमर २५ लाख लोगों में से एक को पाया जाता है।
बांसवाडा निवासी कंकू देवी (६३) को पिछले तीन महीने से नाक से खून आता था। धीरे-धीरे उनके व्यवहार में भी बदलाव आ गया था और कभी भी किसी को भी नुकसान पहुंचाने लगी थी। उनकी याददाश्त भी कमजोर हो गई थी। इस पर इलाज के लिए उन्हें परिजन गुजरात के हिम्मतनगर तक ले गए जहां ब्रेन ट्यूमर बताया गया। सभी जगह हाई रिस्क महंगे ऑपरेशन की सलाह दी गई। इस पर परिजन उन्हें पिछले दिनों जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के न्यूरो साइंसेस विभाग में न्यूरो एवं स्पाइन सर्जन डॉ. सुमित दवे के पास लेकर पहुंचे थे। यहां कराई गई एमआरआई में ट्यूमर मस्तिष्क तक फैला हुआ पाया गया। केस स्टडी में पाया गया कि नाक और पैरामिजल साइनस से होता हुआ ट्यूमर ब्रेन तक पहुंच गया था और यह मस्तिष्क पर दबाव बना रहा था। इन सभी कारण से महिला को यह सभी परेशानी हो रही थी। इसे मेडिकल साइंस में एस्थिसियो न्यूरो ब्लास्टोमा कहा जाता है।यहां न्यूरो सर्जन डॉ. सुमित दवे, ईएनटी सर्जन डॉ. कनिष्क मेहता और निश्चेतना विभाग से डॉ. पीयूष गर्ग की टीम गठित की गई। टीम ने मस्तिष्क तक पहुंचकर ट्यूमर पूरी तरह नष्ट किया।
ऑपरेशन के बाद मस्तिष्क दबाव मुक्त होते ही महिला पूरी तरह स्वस्थ हो गई और अगले दिन से उनके व्यवहार में भी परिवर्तन आ गया। साथ ही खोई हुई याददाश्त भी लौट आई। डॉ. सुमित दवे के अनुसार यह दुर्लभ तरह का ट्यूमर था जिसके ऑपरेशन में रोगी की जान को भी खतरा रहता है। यह दुर्लभ ट्यूमर डब्ल्यूएचओ के आंकडे पर गौर करें तो २५ लाख लोगों में से एक को होता है।