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तीन साल के बच्चे का मोतियाबिंद हटाया, लैंस प्रत्यारोपण किया

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21 Jul 21
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तीन साल के बच्चे का मोतियाबिंद हटाया, लैंस प्रत्यारोपण किया

उदयपुर। जन्म से अंधता से पीडत बच्चे का अब उजाला नसीब हुआ। यह बच्चा जन्म से मोतियाबिंद से ग्रसित था। बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के नैत्र रोग विभाग में अत्याधुनिक माइक्रो इंसीजन फेको तकनीक से ऑपरेशन किया गया।

ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि पिछले दिनों नीमच (म.प्र.) निवासी दुर्गेश (३) को उनके परिजन बेडवास स्थित जीबीएच जनरल हॉस्पीटल के नैत्र रोग विभाग में लेकर पहुंचे थे। दुर्गेश जन्म से देख नहीं पाता था। यहां फेकोरेफ्रैक्टिव एवं कोर्निया सर्जन डॉ. नीतिश कथुरिया ने जांचों में पाया कि दुर्गेश को जन्म से मोतियाबिंद की शिकायत रही है, जिसके कारण वह देख नहीं पाया है। यह लगातार बना रहा तो उसे स्थाई रूप से रोशनी जाने का खतरा है। इसके लिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन और लैंस प्रत्यारोपण ही विकल्प था। डॉ. नीतिश कथुरिया ने अत्याधुनिक फेको तकनीक से मोतियाबिंद का ऑपरेशन कर लैंस प्रत्यारोपण किया। टीम में निश्चेतना विभाग से डॉ. राजनेंद्र शर्मा, डॉ. जोगिंदरसिंह सहयोगी रहे। इन्होंने बच्चे का लैंस प्रत्यारोपण कर आजीवन अंधता से निजात दिलाई।


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