नई दिल्ली प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर का सामना करने के लिए फार्मा उद्योग से जुड़े उधमियों से पहली लहर की ही तरह दवाओं और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया है । प्रधानमंत्री ने सोमवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के दवा उद्दयमियों से साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में फार्मा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
मोदी ने टिप्पणी की कि यह फार्मा उद्योग के प्रयासों के कारण ही है कि आज भारत की पहचान 'विश्व की फार्मेसी' के रूप में है।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान दुनिया भर के 150 से अधिक देशों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गई थीं।
प्रधान मंत्री ने कहा कि सभी चुनौतियों के बावजूद, भारतीय फार्मा उद्योग ने पिछले साल निर्यात में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो इसकी क्षमता को दर्शाता है।
वायरस की दूसरी लहर और मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, मोदी ने कई आवश्यक दवाओं के उत्पादन को बढ़ाने के उनके प्रयासों के लिए फार्मा उद्योग की सराहना की।
उन्होंने रेमेडिसवीर जैसे इंजेक्शन की कीमत कम करने के लिए उन्हें सराहा। मोदी ने फार्मा उद्योग से दवाओं और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रखने के लिए, निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने का आग्रह किया। मोदी ने लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन जैसी सुविधाओं के लिए भी सरकार की ओर से हर प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया।
उन्होंने फ़ार्मा उद्योग से यह आग्रह भी किया कि वे उन खतरों पर अधिक से अधिक शोध करें जो भविष्य में कोविड के सम्बन्ध में हो सकते हैं। उन्होंने कहा, यह प्रयास वायरस का मुकाबला करने में हमारी मदद करेगा।मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार नई दवाओं और नियामक प्रक्रियाओं के लिए सुधार कर रही है।
फार्मा उद्योग के प्रमुखों ने सरकार से प्राप्त सक्रिय मदद और समर्थन की सराहना की। उन्होंने दवाइयों और उपकरणों के विनिर्माण और रसद को चालू रखने वाली दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में पिछले एक साल में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। विनिर्माण, परिवहन, रसद और सहायक सेवाओं के लिए फार्मा हब में परिचालन इष्टतम स्तरों पर बनाए रखा जा रहा है। प्रतिभागियों ने कुछ दवाओं कोविड उपचार प्रोटोकॉल की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि के बावजूद देश में समग्र दवा की मांग को पूरा करने के लिए किए जा रहे उपायों पर इनपुट साझा किए ।
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा, मनसुख मंडाविया, प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, डॉ वीके पॉल कैबिनेट सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, केंद्रीय औषधि सचिव, डॉ बलराम भार्गव केंद्र सरकार के विभिन्न सम्बद्ध मंत्रालयों / विभागों के अधिकारी गण मौजूद थे।