उदयपुर। कोरोना के बाद मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम से ग्रसित हुई बच्ची का जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में उपचार देकर इससे मुक्त किया गया। इस तरह का सिंड्रोम बहुत ही कम बच्चों में होता है।
एक महीने पहले १२ वर्षीय बच्ची कोरोना पॉजीटिव हुई थी। कोरोना नेगेटिव होने के बाद इस बच्ची को तेज बुखार, जोडों में दर्द, शरीर पर चकते बनना, आंखें लाल होना, चक्कर आना और ब्लड प्रेशर गिरने की शिकायत हुई। इस पर परिजन उन्हें यहां जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनूप पालीवाल के पास लेकर पहुंचे। इसकी जांचों में पता चला कि बच्ची की आईएल-६, डी-डिमेर, सीआरपी, बीएनपी काफी बढे हुए थे और ब्लड प्रेशर गिर रहा था। इस पर बच्ची को दो दिन आईसीयू में रखा गया और अगले पांच दिन सामान्य वार्ड में रखकर उपचार दिया गया। अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और उसे गुरूवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉ. अनूप पालीवाल के अनुसार बच्चों में इस तरह के संकेत मिलने पर इसे चिकित्सकीय भाषा में मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम कहा जाता है। कोरोना पीडत बडे बुजुर्गों में यह अलक्षण पहले ही हो जाते है, जिसे साइटोकाइन र्स्टोम कहा जाता है। बच्चों में यह काफी कम होता है, लेकिन एक महीने बाद इस बच्ची में दिखाई देने पर उसे सही उपचार मिलने से नई जिंदगी मिलना संभव हुई। इसके बिगडने पर जान को खतरा भी संभव है।