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मानसिक रूप से बीमार

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13 Oct 18
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मानसिक रूप से बीमार विश्व भर में हजारों नहीं बल्कि लाखों लोग हैं जो मानसिक तनाव और दुश्चिंता में जी रहे हैं। अंग्रेजी में कहें तो यह मानसिक स्ट्रेस के खाने में आता है। आज हमारी लाइफ इस कदर तनावपूर्ण हो है कि हम कहीं का गुस्सा कहीं और निकाला करते हैं। इतना ही नहीं जिस दौर में जी रहे हैं यह सोशल मीडिया और खबर रफ्तार के समय से गुजर रहे हैं। ऐसे में हमारी मनोदशा और अंतरदुनिया सोशल मीडिया से खासा प्रभावित होता है। यदि किसी ने सोशल मीडिया पर बेरुखी बरती तो हमारा पूरा दिन और पूरी रात तनाव में कट जाती है। सोशल मीडिया से हमारी जिंदगी संचालित होने लगे तो यह चिंता की बात है। तमाम रिपोर्ट यह हक़ीकत हमारी आंखों में अंगुली डाल कर दिखाना चाहती हैं कि आज हम किस रफ्तार में भाग रहे हैं और इस भागम−भाग में हम अपनी नींद और चैन खो रहे हैं।
आज सच्चाई यह है कि हर पांच में से एक व्यक्ति मानसिक तौर पर बीमार है। बीमार से मतलब अस्वस्थ माना जाएगा। वहीं 46 फीसदी लोग किसी न किसी रूप तनाव से गुजर रहे हैं। वह तनाव दफ्तर से लेकर निजी जिंदगी के पेचोखम हो सकते हैं। जब व्यक्ति इतने तनाव में होंगे तो अमूमन सुनने में आता है कि मेरे सिर में हमेशा दर्द रहता है। ऐसे लोगों की संख्या तकरीबन 27 फीसदी है। हम जितने तनाव में होते हैं उनमें हम कहीं न कहीं भीड़ में रह कर भी अकेलापन महसूसा करते हैं। हम घर में रह कर भी तन्हा महसूसा करते हैं। ऐसे में व्यक्ति अकेला होता चला जाता है। कई बार तनाव और डिप्रेशन में आदमी ग़लत कदम उठा लेता है। डिप्रेशन में जीने वालों की संख्या 42.5 फीसदी है। हम रात में बिस्तर पर चले जाते हैं। लेकिन रात भर करवटें बदलते रहते हैं। नींद रात में भी क्यों नहीं आती। क्योंकि हम उच्च रक्तचाप और तनाव में जीते हैं। इसलिए रात भर सो नहीं पाते। सुबह उठने के बाद भी आंखों में नींद भरी रहती है।
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