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जिंक खाने से नहीं होगा आहार नली का कैंसर

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14 Oct 17
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लाल मांस, चिकन, बीन्स, मेवे और साबुत अनाज में आहार नली (ईसोफेगस) के कैंंसर की रोकथाम इलाज का गुण छिपा है? जी हां, इन खाद्य पदार्थो में मौजूद पोषक तत्व (मिनरल) जिंक इसका जवाब हो सकता है। इसी की पुष्टि करने के लिए टैक्सास यूनिवर्सिटी अर्लिग्टन अमेरिका के डॉ. जुई पैन और सहयोगियों ने अपनी रिसर्च में ये जानकारी दी है कि ईसोफेगल कैंसर सेल्स को टारगेट करके उनकी ग्रोथ को रोकने में जिंक कैसे काम करता है।
वैसे अब तक की रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि ईसोफेगस कैंसर से पीड़ित लोगों में जिंक नामक पोषक तत्व की कमी पाई गई और इसी सेे इस संभावना को भी बल मिला कि अगर मरीजों को जिंक वाला खाना दिया जाए, तो यह उनको इस बीमारी से बचा भी सकता है। हालांकि जिंक की कैंसर-रोधी क्षमता तय करने वाली आणविक प्रक्रिया (मॉलीक्यूलर मैकेनिज्म) के बारे अब तक कुछ भी पता नहीं था। गौरतलब है कि, जिंक मानव शरीर का एक जरूरी पोषक तत्व है। ये केवल गर्भस्थ शिशु बच्चों के विकास और स्वाद गंध का अहसास करने के लिए अहम है, बल्कि ये कोशिकाओं के कार्य संचालन, घाव को ठीक करने और इन्फेक्शन को दूर रखने में हमारे इम्यून सिस्टम को मदद भी करता है।
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