टीबी का टीका विकसित करने की दिशा में वैज्ञानिकों ने की अहम खोज
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28 Nov 17
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लंदन, वैज्ञानिकों ने वि के सबसे घातक, सांामक क्षय रोग (टीबी) के खिलाफ एक प्रभावशाली टीका विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण खोज की है।अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि टीबी के कारण हर वर्ष विभर में अनुमानित 17 लाख लोगों की मौत होती है। किसी अन्य सांमण की तुलना में टीबी के कारण मरने वालों लोगों की संख्या सर्वाधिक है।उन्होंने कहा कि इस बीमारी पर एंटीबायोटिक्स का असर समाप्त होता जा रहा है लेकिन वैकि स्तर पर 20 वर्षो के लगातार प्रयासों के बावजूद कोईं प्रभावशाली टीका विकसित नहीं हो पाया है। हालिया प्रयासों में सांमण से लड़ने के लिए आवश्यक परंपरागत मानवीय टी कोशिका की माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्युलोसिस (एमटीबी) में पाए जाने के वाले प्रोटीन के अंशों पर प्रतिािया पर ध्यान केंद्रित किया गया। टी कोशिका ेत रक्त कोशिका है और एमटीबी वह जीवाणु है जिसके कारण टीबी होता है।इंग्लैंड में साउथैम्पटन और बांगोर विश्ववदृालयों के अनुसंधानकर्ताओं ने अब बताया है कि विशेष प्रकार के लिपिड अन्य गैरपरंपरागत प्रकारों की टी कोशिकाओं की प्रतिरक्षा प्रतिािया को सािय कर सकते हैं।पत्रिका पीएनएएस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार टीम ने दिखाया कि लिपिड के समूह, जिन्हें माइकोलिक एसिड कहा जाता है वे प्रतिरोधी प्रतिािया तय करने में अहम हो सकते हैं। ये एसिड एमटीबी कोशिका के अहम घटक हैं।साउथैम्पटन विश्ववदृालय के सालाह मंसौर ने कहा,यह टीबी के मरीजों के लिए संभावित चिकित्सकीय प्रभावों के संबंधों में उत्साहित करने वाली खोज है।
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