गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली के भारतमंडपम में शनिवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पानी और ऊर्जा सम्बन्धी मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने राज्य में जल और ऊर्जा सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार से और अधिक सहयोग का अनुरोध किया। साथ ही राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए प्रदेश में विकास की संभावनाओं और राज्य के सामने आ रही चुनौतियों का जिक्र भी किया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पोंग बांध की भराव क्षमता का मामला उठाया और कहा कि पोंग बांध की क्षमता के अनुरूप पानी नहीं भरने से राजस्थान सहित अन्य सहभागी प्रदेशों के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी और लोगों को पेयजल नहीं मिल पाता है। इस कारण पेयजल संकट से निपटने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि पोंग बांध को कुल 1400 फीट ऊंचाई तक भरा जा सकता है लेकिन पर्याप्त वर्षा के दौरान भी इस बांध में अधिकतम सीमा तक जल भराव नहीं किया जा रहा है। इससे भागीदार राज्यों को अपने हिस्से का पूर्ण जल प्राप्त नहीं हो पाता।
उन्होंने 51.5 किलोमीटर लंबी फिरोजपुर फीडर की लाइनिंग की स्वीकृति भी शीघ्र प्रदान करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी रामजल सेतु लिंक परियोजना) तथा प्रदेश के शेखावाटी अंचल की प्यास बुझाने के लिए हाथ में लिए गए यमुना जल समझौते को मूर्त रूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये जल परियोजनाएं विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर भारत के दो बांधो पर पश्चिम राजस्थान की सिंचाई और पेयजल का दारोमदार है। पौंग और भाखड़ा बांधों से प्रदेश की तीन सिंचाई परियोजनाओं गंगनहर,भाखड़ा और इंदिरा गांधी नहर को पानी मिलता है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आठ जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर आदि के 16.70 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। कुल 15 जिलों बाड़मेर , बालोतरा, सीकर, झुंझुनूं, नागौर, डीडवाना- कुचामन, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर आदि के 49 शहर एवं कस्बे, 7500 गांव-ढाणी, सूरतगढ़ थर्मल तथा महाजन फायरिंग रेंज एवं सेना आदि को भी पेयजल उपलब्ध होता है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ब्यास नदी पर बने पौंग बांध में जलस्तर की कमी भागीदार राज्यों विशेष कर राजस्थान की चिंता बढ़ाने वाली होती है। पौंग एवं भाखड़ा बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश की कमी का असर बांधों के जलस्तर पर भी दिखाई देने लगा है। इन दोनों बांधों से मिलने वाला पानी राजस्थान के पंद्रह जिलों के लिए सिंचाई और पेयजल का आधार है। यदि मानसून की अच्छी बारिश नहीं हुई तो आने वाले समय में राजस्थान ही नहीं पंजाब और हरियाणा को भी सिंचाई और पेयजल के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल सकेगा। पंजाब राजस्थान को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं दे रहा।साथ ही जो पानी आता है उसमें प्रदूषण होने से वह खेतों,जनजीवन और पाश7o ke liye bhi खतरनाक है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने पानी के अलावा प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों का भी जिक्र किया और केन्द्र सरकार से कालीसिंध और छबड़ा थर्मल बिजली परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय मदद दिलाने के साथ ही साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड से दिए जा रहे 20 लाख मीट्रिक टन कोयले को नॉर्दन कोलफील्ड से उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अक्षय ऊर्जा क्षमता में 10000 मेगावाट की वृद्धि की गई है। राजस्थान सौर ऊर्जा एवं अक्षय ऊर्जा क्षमता में देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य में पीएम कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ,नवीन राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति की बेहतर क्रियान्विति के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं।मुख्यमंत्री ने राज्य में ऊर्जा सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि पीएम कुसुम योजना के कंपोनेंट-ए के तहत राज्य को 5000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन तथा बैट्री स्टोरेज के लिए 5000 मेगावाट आवर का अतिरिक्त लक्ष्य आवंटित किया जाए। साथ ही, उन्होंने राजस्थान को आवंटित 115 गीगावाट बिजली उत्पादन के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु 40 गीगावाट अतिरिक्त ऊर्जा के इवेक्युएशन हेतु प्लान तत्काल बनाने का अनुरोध किया।
नीति आयोग की अहम बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल ने ‘विकसित राजस्थान@2047’ विजन डॉक्यूमेंट प्रस्तुत किया और विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विकसित राजस्थान का संकल्प पूर्ण रूपेण साकार होगा। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा की और कहा कि इससे देश को विश्व में सम्मान मिला है। शर्मा ने कहा कि दो दिन पहले 22 मई को प्रधानमंत्री जी के सीमावर्ती बीकानेर जिले में संबोधन के समय जनसाधारण में जो अद्भुत उत्साह एवं राष्ट्रभक्ति का जज्बा देखने को मिला वैसा भावुक दृश्य मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा।
उन्होंने प्रदेश के विकास रोडमेप का ब्यौरा रखते हुए बताया कि हमारी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले ही साल में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन कर 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं तथा इन प्रस्तावों में से सवा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर प्रारम्भ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने एक जिला एक उत्पाद नीति 2024, एमएसएमई पॉलिसी 2024, निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024, एकीकृत क्लस्टर विकास योजना, टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी 2025, लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025, डाटा सेंटर पॉलिसी 2025 को तैयार करके राजस्थान में समावेशी विकास और रोजगार के अवसर सृजन करने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस आधारित इंडस्ट्रीयल पॉलिसी शीघ्र जारी की जाएगी। इस नीति के माध्यम से ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, ट्रेडिंग सेक्टर के विकास और संवर्धन के लिए राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी लाई जा रही है। सर्कुलर इकोनॉमी के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए राजस्थान सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम 2025 लाई जा रही है जिसके अंतर्गत रिसाइक्लिंग, रीयूज के क्षेत्र में रिसर्च एवं डवलपमेंट के लिए 2 करोड रुपए का अनुदान दिया जाएगा। राज्य में 15 वर्ष से पुराने वाहनों का उपयोग निषिद्ध करने तथा नई टेक्नोलॉजी के प्रदूषण रहित वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लाई जा रही है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान अपनी ऐतिहासिक विरासत एवं स्थापत्य समृद्ध संस्कृति, गौरवशाली इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व विख्यात है। पर्यटन का राजस्थान की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए पर्यटन विकास को गति देने के लिए नवीन पर्यटन नीति शीघ्र जारी की जा रही है।
दिल्ली प्रवास में मुख्यमंत्री शर्मा ने केंद्रीय मंत्रियों और अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से भी भेंट की और अंतर्राज्यीय सहयोग पर चर्चा की।