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पर्यटकों के लिए अब भारत में सी- प्लेन का रोमांच

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25 Oct 21
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पर्यटकों के लिए अब भारत में सी- प्लेन का रोमांच

डॉ.प्रभात कुमार सिंघल,कोटा

भारत में पर्यटन के क्षेत्र में विविध रोमांचक अवसर मौजूद हैं।  इनका रोमांच महसूस करने के लिए देश - विदेश के पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। रोमांचक पर्यटन यात्रा में अब सी - प्लेन भी जुड़ गया है। हवाई रनवे से तो जहाज उड़ान भरते ही हैं अब पर्यटक समुद्र के पानी में चलने के साथ - साथ समुद्री रनवे से आसमान में उड़ान भी भरने लगे हैं। समंदर से उड़ान भरने का नाम सुनते ही रोमांच होता है। जिसने इसकी यात्रा की हो उसके रोमांच की कल्पना तो वहीं महसूस कर सकता है। इस असम्भव से लगने वाले सी प्लेन की सवारी का मज़ा आप भी ले सकते हैं। गुजरात राज्य के केवड़िया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' और अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट के बीच करीब 200 किमी.दूरी की यह सेवा प्रारंभ हो गई हैं। विशेष प्रकार के विमान की सेवा शुरू कराने के लिए सरकार नें यह प्लेन मालदीव से मंगवाए हैं, जिसे स्पाइसजेट कंपनी ने किराए पर लिया हैै    संचालन इसी कम्पनी द्वारा किया जायेगा। स्पाइसजेट टेक्निक का ट्विन ओटर-300 सीप्लेन में 12 से अधिक यात्री सफ़र कर सकेंगेे। पर्यटकों के लिए सेवा प्रारंभ हो चुकी हैं एवं इसके टिकट की बुकिंग www.spiceshuttle.com से ऑन लाइन कराई जा सकती है। केवड़िया से अहमदाबाद का सफर सी प्लेन से करने के लिए 1500 रुपये किराया चुकाना होगा। सी-प्लेन की प्रतिदिन पहली ट्रिप सुबह 10:15 बजे रिवरफ्रंट से शुरू होगी और यह 10:45 पर केवडिया पहुंचेगा। एक घंटे के बाद यह प्लेन 11:45 पर उड़ेगा और 12:15 बजे रिवरफ्रंट पहुंचेगा। प्लेन की दूसरी ट्रिप 12:45 पर रिवरफ्रंट से उड़ान भरेगा और दोपहर 1:15 पर केवडिया पहुंचेगा और यह केवडिया से दोपहर 3:15 पर उड़ेगा और 3:45 पर वापस रिवरफ्रंट पहुंचेगा।
          प्रधानमंत्री मोदी ने 31 अक्टूबर को  सी-प्लेन सर्विस का शुभारंभ किया। यह सेवा केवड़िया से अहमदाबाद के लिए शुरू की गई है। इससे कावडिया से अहमदाबाद जाने में लगने वाला समय घटकर बहुत कम रह गया है। सी प्लेन को केवड़िया से अहमदाबाद की दूरी तय करने में करीब 45 मिनट का समय लगेगा। इन दोनों जगहों की बीच की दूरी करीब 200 किलोमीटर है जिसे तय करने में करीब 4-5 घंटे लग जाते थे। पर्यटक अहमदाबाद से केवड़िया जाते हैं, जहां स्टेच्यू ऑफ यूनिटी स्थित है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
      सरकार की उड़ान योजना से लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार, असम, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में इस सेवा का लाभ मिलने की संभावना है। पोत परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्राप्त जानकारी के मुताबिक  देश में जल्द ही 28 समुद्री मार्गों पर सी-प्लेन सेवाएं बहाल होंगी एवं 450 करोड़ की लागत से गुजरात, असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में स्थित 14  जलीय हवाई अड्डे  विक सित कि ए जा र हे हैं। इसके अलावा 78 और सीप्लेन मार्गों के लिए बिड का मूल्यांकन किया जा रहा है। देश में समुद्री विमान सेवाओं  के विकास के लिए केंद्र सरकार के दो मंत्रालयों बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय  और नागरिक उड्डयन मंत्रालय  के  बीच  एक समझौता (एम. ओ.यू.) किया गया है। इस समझौते के तहत सीप्लेन प्रोजेक्ट्स को अमलीजामा पहनाया जाएगा। प्रस्तावित मार्गों में दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-उदयपुर, दिल्ली-जोधपुर और दिल्ली-बद्रीनाथ व कई अन्य रूट भी शामिल हैं। 
         स्पाइसजेट कंपनी भारत की पहली ऐसी एयरलाइन कम्पनी है, जिसनें जलमार्ग या नदियों से हवाई संपर्क का परीक्षण किया है| हालाँकि इस कम्पनी द्वारा 2017 से लगातार परीक्षण किया जा रहा है|  इस कम्पनी द्वारा पहला ट्रायल 2017 में नागपुर से गुवाहाटी के बीच किया गया और एंफीबियस विमान का ट्रायल गिरगांव चौपाटी पर किया गया | इस प्रकार सफल परीक्षण करनें के उपरांत  स्पाइसजेट द्वारा अहमदाबाद से केवडिया रूट के लिए प्रतिदिन दो उड़ानों का संचालन शुरू किया है।
रोमांचक सी - प्लेन
सी-प्लेन पर्यटकों के लिए रोमांचकारी सवारी है जो
पानी से उड़ान भरता है और पानी में ही लैंड करता है।
सी प्लेन एक निश्चित पंख वाला हवाई जहाज है जो पानी के ऊपर से टेक ऑफ और लैंड करने में सक्षम होता है। यह एक नाव की उपयोगिता के साथ पर्यटकों को एक हवाई जहाज की उड़ान कराने में सक्षम है। सी प्लेन दो प्रकार के होते हैं। एक फ्लाइंग बोट जिन्हें अक्सर पतवार सी प्लेन कहा जाता है और दूसरा  फ्लोटप्लेन फ्लाइंग बोट के धड़ के नीचे इसका मुख्य लैंडिंग गियर होता है। यह आमतौर पर विंगटिप्स के पास छोटे फ्लोट्स के साथ पूरक होता है, जिसे विंग या टिप फ्लोट्स कहा जाता है। एक उड़ने वाली नाव का पतवार चालक दल, यात्रियों और कार्गो को पकड़ता है। 
        भारत में पहली बार  सी-प्लेन की व्यावसायिक सेवा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 30 दिसम्बर 2010 को प्रारम्भ की गई। जल हंस नामक सी - प्लेन की
वाणिज्यिक सेवा  की शुरुआत तत्कालीन भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल द्वारा 10 यात्रियों की क्षमता के साथ एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू की गई थी। उड़ान भरने वाला पहला सी-प्लेन सेसना-208 था।  इसके बाद केरल में सी-प्लेन  सेवा 2013 में शुरू की गई, जिसका पहला विमान सेसना-206 था। इसके साथ ही एक सप्ताह   मुबई में स्पाइसजेट सी-प्लेन ने उड़ान भरी। ट्रिप एडवाइजर कंपनी मुंबई से लोणावला के लिए सी-प्लेन सेवा प्रदान कती है जिसका उद्घाटन 2014 में किया गया था।                पीएम नरेंद्र मोदी ने 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान साबरमती रिवरफ्रंट से सी प्लेन में सफर किया था, जिसके बाद ये लोगों  के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया था। अब के गुजरात में कावडिया से अहमदाबाद तक सी प्लेन सेवा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके पहले यात्री बने। पहले सी प्लेन ने दोपहर में केवड़िया से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी।  इस प्रतिमा को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक आते हैं। इस प्लेन में 19 लोग सवार हो सकते हैं। यह प्लेन 300 मीटर लंबे रनवे उड़ान भर सकता है। देश के कई शहरों के बीच सी प्लेन की सेवाएं शुरू करने की संभावनाएं हैं। इसके लिए बहुत लंबे रवने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा सी प्लेन वजन में भी हल्का होता है। दुनिया में फिलीपींस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, फिनलैंड, यूनाइटेड किंगडम, श्रीलंका, फिजी, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, संयुक्त अरब अमीरात, इटली, मालदीव और हांगकांग जैसे देशों में कई एयरलाइन वाहक द्वारा सी प्लेन सेवा संचालित की जा रही हैं। सब कुछ ठीक चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत में भी सी प्लेन सेवाएं पर्यटकों का बड़ा आकर्षण बन जाएंगी।


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