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डॉ. हर्ष वर्धन ने टी.बी रोकथाम के प्रयासों में तेजी लाने के वैश्‍विक अभियान से संबंधित उच्‍च स्‍तरीय बैठक को संबोधित किया

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17 Jun 21
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डॉ. हर्ष वर्धन ने टी.बी रोकथाम के प्रयासों में तेजी लाने के वैश्‍विक अभियान से संबंधित उच्‍च स्‍तरीय बैठक को संबोधित किया

नई दिल्‍ली (नीति गोपेंद्र भट्ट) | केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज टी.बी के रोकथाम के प्रयासों में तेजी लाने के वैश्‍विक अभियान संबंधित बैठक में अपने वर्चुअल संबोधन के प्रारंभ में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, विभिन्‍न देशों और भागीदार संगठनों को भारत में कोविड-19 महामारी की घातक दूसरी लहर पर काबू पाने में उनके प्रयासों के लिए उनका आभार व्‍यक्‍त किया । इस बैठक में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस, विभिन्‍न देशों के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, टी.बी से अधिक प्रभावित देशों के प्रतिनिधि, विकास भागीदार और दानकर्ता एजेंसियों के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से उपस्‍थित थे ।

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्‍विक परिवार के सदस्‍य के रूप में भारत कोविड-19 पर काबू पाने के वैश्‍विक प्रयासों में योगदान जारी रखने को प्रतिबद्ध है । उन्‍होंने कहा कि भारत ने 2025 तक  टी.बी मुक्‍त होने के लिए टी.बी उन्‍मूलन कार्यक्रम को नवाचार आधारित उपायों को अपनाते हुए समय के अनुकूल बदला  है । उन्‍होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में कोविड संकट के बावजूद हमने नुकसान की तेजी से भरपाई करने और टी.बी के मरीजों को लगातार सेवाएं जारी रखने के लिए अधिक स्‍फूर्ति और लचीलेपन से  बाई –डायरेक्‍शनल स्‍क्रीनिंग, सक्रिय टी.बी मामलों का पता लगाने के काम को कोविड-19 की निगरानी के साथ जोड़ा और टी.बी रोगियों के घर तक सेवाएं उपलब्‍ध कराईं ।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के कुशल नेतृत्‍व में भारत ने 2025 तक टी.बी समाप्‍त करने की अभूतपूर्व राजनीतिक प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है, हालांकि सतत विकास लक्ष्‍य के तहत विश्‍व में वर्ष 2030 तक टी.बी उन्‍मूलन का लक्ष्‍य तय किया गया है । उन्‍होंने कहा कि सही टी.बी स्‍क्रीनिंग और एन.ए.ए.टी, आर्टिफिशियल इन्‍टेलीजेंस (AI)से रोग का पता लगाने के साथ डिजिटल एक्‍स-रे जैसे नैदानिक टूल, उच्‍च गुणवत्‍ता की दवाओं और स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली के सभी स्‍तरों के साथ टी.बी सेवाओं को सम्‍बद्ध करने का उद्देश्‍य देश में टी.बी के मामलों और मृत्‍यु दर में कमी लाना है ।

केन्‍द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि हमने ‘टी.बी मुक्‍त स्‍थिति और प्रगति ’ पर टी.बी के मामलों में कमी का विभिन्‍न श्रेणियों में आकलन कर 2020 में राज्‍यों और जिलों के उप-राष्‍ट्रीय प्रमाणन की शुरुआत की है । उन्‍होंने गर्व के साथ बताया कि केन्‍द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और जम्‍मू कश्‍मीर में बडगाम जिले को 2020 में देश में पहला टी.बी मुक्‍त केन्‍द्र शासितप्रदेश और टी.बी मुक्‍त जिला घोषित किया गया है । उन्‍होंने कहा कि यह मात्र शुरुआत है और आने वाले महीनों में और राज्‍य तथा जिले टी.बी मुक्‍त घोषित किए जाने के लिए अपना दावा कर सकते हैं ।

उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें ये दिखा दिया है कि यदि विश्‍व मिलकर काम करे तो एक वर्ष से कम समय में वैक्‍सीन का विकास संभव है । उन्‍होंने जोर देकर कहा कि टी.बी के लिए ऐसे ही दृष्‍टिकोण की आवश्‍यकता है । हमें उन्‍नत प्रौद्योगिकी विकास, वैज्ञानिक सक्षमता विकसित करने और मजबूत बनाने तथा कार्य नीतियों के कार्यान्‍वयन पर फोकस करने की आवश्‍यकता है । विश्‍व नए टी.बी वैक्‍सीन का उत्‍सुकतापूर्वक इंतजार कर रहा है । उन्‍होंने कहा कि टी.बी के मामलों और मृत्‍यु में तेजी से कमी लाने के लिए उपलब्‍ध प्रभावी और सुरक्षित टूल बढ़ाने की जरूरत होगी ।

केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि टी.बी उन्‍मूलन के प्रयासों में टी.बी रोकथाम के लिए उपचार को बढ़ाना गेम चेंजर साबित होगा ।  उन्‍होंने यह भी कहा कि कोविड के अनुभव से सीख लेकर हम 5-टी कार्यनीति पर आधारित टी.बी कार्यक्रम लागू कर रहे हैं, इन 5-टी में टेस्‍टिंग, ट्रेकिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और टेक्‍नोलॉजी शामिल हैं । उन्‍होंने पूरे विश्‍वास के साथ कहा कि टी.बी संक्रमित या टी.बी रोग के लिए कानट्रेक्‍ट ट्रेसिंग और स्‍क्रीनिंग में तेजी लाने के साथ प्रौद्योगिकी के स्‍मार्ट उपयोग से हम टी.बी के अब तक पता नहीं लगे मामलों तक पहुंच सकेंगे और इस प्रकार परिवार के सभी सदस्‍यों तथा अधिक जोखिम वाले समूहों का बचाव कर सकेंगे ।

उन्‍होंने कहा कि टी.बी समाप्‍त करने के पूर्ण पोषित राष्‍ट्रीय कार्यनीति योजना को तेजी से लागू करने के लिए हम आज भी प्रतिबद्ध हैं  ताकि अगले 18 महीनों में 4 करोड़ लोगों के शुरू किए टी.बी रोकथाम के उपचार के काम को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर बढ़ाकर तेजी से पूरा कर सकें । इसके लिए भारत बढे हुए स्‍वदेशी बजट आवंटन के साथ विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, वैश्‍विक कोष, अतर्राष्‍ट्रीय विकास के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र एजेंसी, बिल मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसे भागीदारों के सहयोग से टी.बी संक्रमण को रोकने के लिए नवीन नैदानिक उपायों और दवाओं में वृद्धि कर सकता है ।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम ने पिछले कुछ वर्षों में असाधारण कार्य किया है, निस्संदेह यह विश्व में सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है । इस कार्यक्रम के तहत 5 करोड़ रोगियों का उपचार किया गया है लेकिन हमारे लिए बड़ा मुद्दा यह है कि कैसे हम इसे तय समय में 1.3 अरब लोगों तक पहुंचाएं ।  हमारे देश में बहुत अधिक लोग गांवों में रहते हैं । हम अब निजी क्षेत्र को प्रभावी रूप से सरकारी क्षेत्र के साथ इस मुहिम में जोड़ रहे हैं ।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिबद्धता सामाजिक उद्यमशीलता के साथ सरकारी कार्यक्रमों की प्रगति पर बारीकी से नजर रखने और दूर-दराज के जनजातीय जिलों तक सशक्‍त जन कार्यवाही अभियान पहुंचाने के जरिए भारत टी.बी के खिलाफ लड़ाई में विजय के लिए व्‍यापक आंदोलन में लोगों की  कल्‍पना शक्‍ति को साकार बनाने का काम कर रहा है । उन्‍होंने इस वर्चुअल उच्‍च स्‍तरीय आयोजन और टी.बी रोकथाम के कार्य को बढ़ाने के लिए एक्‍शन 2.0 के सामूहिक आह्वान का फिर संकल्‍प करने के लिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन वैश्‍विक टी.बी कार्यक्रम के प्रति धन्‍यवाद व्‍यक्‍त किया । अंत में उन्‍होंने वैश्‍विक समुदाय से पर्याप्‍त कोष सुनिश्‍चित करने के प्रयासों की अपील की ताकि हम  2022 तक टी.बी रोकथाम उपचार का विस्‍तार कर सकें । हमारा लक्ष्‍य 2023 तक टी.बी का वैक्‍सीन विकसित करना, भारत में 2025 तक और विश्‍व में 2030 तक टी.बी को समाप्‍त करना है ।


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