नई दिल्ली : केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड -19 पर गठित उच्च स्तरीय मंत्री समूह की 23 वीं बैठक की आज वीडियो कांफ्रेंस से अध्यक्षता की । इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, नागरिक विमानन मंत्री श्री हरदीप पुरी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय और जहाजरानी तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया उपस्थित रहे ।
नीति आयोग के सदस्य, स्वास्थ्य डॉ. विनोद के. पाल वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे।
डॉ. हर्ष वर्धन ने बैठक की शुरुआत में सभी को स्मरण कराया कि कोविड के प्रबंधन के लिए गठित मंत्री समूह को काम करते हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है । उन्होंने कहा कि कोरोना का पहला मामला पिछले वर्ष 30 जनवरी को रिपोर्ट किया गया था और मंत्री समूह की पहली बैठक 3 फरवरी, 2020 को हुई थी । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उल्लिखित संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण से भारत महामारी पर लगाम लगाने में कामयाब रहा है । पिछले 24 घंटों में 12 हजार से कम मामले रिपोर्ट किए गए और सक्रिय केस लोड कम होकर मात्र 1.73 लाख हो गया है ।
डॉ. हर्ष वर्धन ने उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 146 जिलों में पिछले 7 दिनों में, 18 जिले में पिछले 14 दिनों में, 6 जिलों में पिछले 21 दिनों में और 21 जिले में पिछले 28 दिनों में कोविड का कोई मामला सामने नहीं आया । यह उपलब्धि अग्रसक्रिय जांच से संभव हुई है और अब तक 19.5 करोड़ से अधिक जांच की गई हैं । जांच की वर्तमान प्रतिदिन क्षमता 12 लाख है ।
उन्होंने यह भी कहा कि कुल सक्रिय मामलों से से मात्र 0.46 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं, 2.20 प्रतिशत आईसीयू में हैं और केवल 3.02 प्रतिशत ऑक्सीजन पर हैं । डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि ब्रिटेन के वेरिएंट के अब तक 165 मामलों का पता चला है। इनको क्वारंटाइन में निगरानी में रखा गया है और सर्विलांस में हैं ।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सहर्ष बताया कि भारत ने ऐसे वैश्विक जन स्वास्थ्य संकट के दौरान अन्य देशों को कोविड-19 के वैक्सिन की आपूर्ति करके सहयोग दिया है और कई देशों के कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है । वैश्विक समुदाय के मित्र होने के नाते भारत ने सही समय में स्वदेश में बनी वैक्सीन की आपूर्ति से वैश्विक समुदाय का विश्वास जीता है ।
एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत के.सिंह ने भारत में कोविड-19 के वर्तमान और भावी परिदृश्य पर विस्तृत रिपोर्ट का प्रजेंटेशन दिया जिसमें विश्व के अन्य देशों में कोविड-19 के पुष्ट मामलों और इसकी वृद्धि दर की तुलना की गई । भारत में सात दिन की वृद्धि दर 0.90 प्रतिशत है जोकि विश्व में न्यूनतम है ।
उन्होंने भारत में महामारी की यात्रा का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया जिसमें प्रतिदिन पुष्ट नए मामलों की वृद्धि दर का प्रतिशत, रिकवरी दर, केस पोजिटिविटी दर, एक्टिव मामलों के रूझान, जिलों में मामलों की सघनता और मृत्यु तथा भारत के विभिन्न राज्यों में ब्रिटेन के नए वेरिएंट के फैलाव जैसे अन्य रुझानों का उल्लेख किया गया । भारत में मामलों की मृत्यु दर यानी सीएफआर में गिरावट आ रही है और यह जून, 2020 के मध्य में 3.4 प्रतिशत से कम होकर वर्तमान में 1.4 प्रतिशत है । इसका कारण प्रभावी नैदानिक प्रबंधन है । उन्होंने यह भी बताया कि दादरा और नागर हवेली तथा दमन और दीव की सबसे अधिक 99.79 प्रतिशत रिकवरी दर है जिसके बाद अरूणाचल की रिकवरी दर 99.58 प्रतिशत और ओडिशा की रिकवरी दर 99.07 प्रतिशत है जबकि केरल की रिकवरी दर 91.61 प्रतिशत है क्योंकि वर्तमान में इसका अधिक एक्टिव केस लोड है । उन्होंने यह भी बताया, तिरुअनंतपुरम, एर्णाकुलम, कोट्टायम और कोझीकोड वर्तमान में अधिक संख्या में सक्रिय मामले रिपोर्ट करने वाले 5 प्रमुख जिले हैं । इस समय महाराष्ट्र और केरल का देश के सक्रिय केस लोड में 70 प्रतिशत भाग है । उन्होंने अन्य देशों में संक्रमण की प्रकृति को देखते हुए आने वाले कुछ महीनों में सावधानी बरतने की सलाह दी । ऐसा करना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि विश्व भर में वायरस के स्ट्रेन का प्रभाव हो रहा है ।
नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ. विनोद के. पाल और केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने विस्तृत प्रजेंटेशन से मंत्री समूह को देश में वैक्सीन के विकास की प्रगति और 16 जनवरी, 2021 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए टीकाकरण अभियान की प्रगति से अवगत कराया ।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने टीकाकरण अभियान की लोजिस्टिक और अब तक हुई प्रगति से अवगत कराया - टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले 12-14 जनवरी, 2021 के बीच राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की वैक्सीन की 112.4 लाख डोज वितरित की गईं, 20 जनवरी, 2021 तक राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को और अतिरिक्त 115.6 लाख डोज भेजी गयीं, अब तक 69 हजार कार्यक्रम प्रबंधकों, 2.5 लाख वैक्सीन लगाने वालों और 4.4 लाख दल के अन्य सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया, को-विन पोर्टल पर 93 लाख छिहत्तर हजार तीस स्वास्थ्य कर्मी और 53 लाख चौरानवे हजार अठानवे फ्रंट लाइन वर्कर पंजीकृत हैं । उन्होंने वैक्सीन को लेकर दुष्प्रचार और अफवाह पर काबू पाने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए संचार कार्य नीति के बारे में भी बताया ।
डॉ. पॉल ने बताया कि टीकाकरण की कवरेज प्रदान करने में भारत का इस समय छठा स्थान है और कुछ दिनों में यह तीसरा स्थान बन जाएगा, अब तक 23 लाख वैक्सीन लगाए जाने में से केवल 16 लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती किया गया है और ये संख्या 0.0007 प्रतिशत बनती है । और अब तक वैक्सीन के प्रभाव से किसी गंभीर बीमारी या मृत्यु की खबर नहीं है । उन्होंने मंत्री समूह को अवगत कराया कि किस तरह भारत के दैनिक नए मामलों का ग्राफ विश्व के अन्य देशों के मुकाबले हमारे लिए अनुकूल स्थिति में है ।
मंत्री समूह ने अन्य देशों से भारतीय वैक्सीन मंगवाने के अनुरोध के संदर्भ में देश में इसकी आवश्यकता पर चर्चा की गई। औषध विभाग की सचिव सुश्री एस. अपर्णा और इन मुद्दों पर गठित एनईजीवीएसी के तहत सब ग्रुप की प्रमुख ने इस बारे में की गयी कार्रवाई से मंत्री समूह को अवगत कराया ।
नागरिक विमानन सचिव श्री प्रदीप सिंह खरोला, डीपीआईआईटी सचिव डॉ. गुरू प्रसाद मोहपात्र, आसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री दाम्मू रवि, गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री गोविंद मोहन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त श्रीमती नीरजा शेखर, विदेश व्यापार निदेशालय के महानिदेशक श्री अमित यादव, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे ।