महाराणा मेवाड हिस्टोरिकल पब्लिकेषन्स ट्रस्ट, उदयपुर द्वारा प्रकाषित वार्शिक कैलेंडर ’विघ्नहर्ता विनायकजी महाराज राजमहल उदयपुर मेवाड बिराजित‘ का विमोचन महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेषन उदयपुर के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड ने किया।
हिन्दू मान्यता के अनुसार सभी मांगलिक उत्सव, कार्यक्रम, पूजा आदि में श्री गणेश भगवान को सर्वप्रथम आमंत्रित किया जाता है, तत्पश्चात् मंगलकार्यों का शुभारम्भ होता है। सम्पूर्ण भारतवर्ष में विघ्नहर्ता विनायकजी महाराज को कई नामों से जाना जाता है। जिनमें अग्रपूज्य, गणेश जी, गणपति जी महाराज, बप्पा, बापा, लम्बोदर, विघ्नहर्ता, विनायकजी, गणाध्यक्ष, आंबिकेय, आखुवाहन, इभानन, एकदंत, एकदंष्ट्र, गजदंत, गजमुख, गजशीश, वज्रतुंड, वक्रतुंड, गांगेय, गौरीज, मंगलारंभ, वरणानन, हस्तीमुख, हैरंब, सिद्धिदाता, सुरश्रेष्ठ आदि-इत्यादि नाम विख्यात हैं।
कैलेंडर विमोचन के अवसर पर महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन ट्रस्ट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि इस वर्श २०२१ के वार्शिक कैलेंडर में राजमहल उदयपुर मेवाड में बिराजित विनायक जी महाराज को दर्षाया गया है। कैलेंडर में सर्वप्रथम मेवाडनाथ परमेष्वरांजी महाराज श्रीएकलिंगनाथजी का चित्र दिया गया है। मुख्य रूप से वर्ष २०२१ के वार्षिक केलेण्डर में पालकी खाना, राय आँगन, खासा रसोडा, बडी पोल, अमर महल, जनाना महल, करण महल एवं गणेश ड्योढी बिराजित विनायकजी महाराज को दर्शाया गया है।
वर्श २०२१ के वार्शिक कैलेंडर में जनवरी से दिसम्बर तक के पृश्ठों के साथ ही दो पृश्ठ में सिटी पेलेस परिसर बिराजित विघ्नहर्ता विनायकजी महाराज के के बारे में दर्शाया गया है तथा ऐतिहासिक जानकारी दर्शायी गई है।