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फाल्गुन के मस्ती भरे फिल्मी गीतों के बिना जमता नहीं होली का रंग 

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03 Mar 20
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फाल्गुन के मस्ती भरे फिल्मी गीतों के बिना जमता नहीं होली का रंग 

कोटा (डॉ. प्रभात कुमार सिंघल) |   होली का हुडदंग हो और फाल्गुन के मस्ती भरे फिल्मी गीतों का धमाल न हो होली का रंग जमता नहीं। जी हां ! रंगबिरंगी होली की अनेक परम्परों के बीच हमारी फिल्मों ने भी होली गीतों के मनोरंजन (entertainment)की इतनी सरस धारा बहाई कि वे जब तक बजे नहीं होली का मज़ा नहीं आता है।

 आप भी होली की तैयारी में जुटने वाले होंगे और सोच रहे होंगे इसे यादगार बनाने के लिए। आपकी होली की मस्ती में चार चांद लगाने के लिए होली के वो खास गाने ढूढ रहे  होंगे जो आपकी मस्ती  को दुगुनी कर दे ।  ऐसे ही गानों की बानगी आपके लिए  लेकर आए हैं जो होली के मौके पर खूब सुने जाते हैं। ये गाने आपके Holy Celebration में चार चांद लगा देंगे।

"रंग बरसे रे भीगे चुनर वाली रंग बरसे" होली के इस गीत ने तो फिल्मी होली गीतों के record ही तोड़ दिए। होली का यह गीत बजते ही अजीब सी मस्ती छा जाती है और रंग-अबीर उड़ाते युवक-युवतियों की टोलियां खुशी से झूम उठती हैं-थिरक उठती हैं। आज यह सर्वप्रिय पसंददीदा होली गीत बन गया है युवा दिलों की धड़कन। सिलसिला फ़िल्म के इस गीत को अमिताभ बच्चन और रेखा ने जिस मस्ती के साथ प्रस्तुत किया आज भी हर दिल पर राज करता है।

     एक ऐसा ही यादगार होली गीत फ़िल्म शोले में धर्मेंद्र और हेमामालनी पर फिल्माया गया " आज न छोड़ेंगे हमझोली खेलेंगे हम होली " ने भी युवा दिलों की धड़कन बढ़ाई। "अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना" शारुख खान की डर फ़िल्म का होली गीत भी यादगार गीत बन गया। इन मस्ती भरे होली के फिल्मी गानों के बजने और इन पर थिरकने पर ही जमता है होली का रंग। 

  भारतीय फिल्मों में शुरुआत से ही  होली के गीतों को विशेष स्थान मिला और गीतों को बहुत ही रोचक ,मनोरंजक एवं भव्य रूप से फिल्माया गया है। अनेक फिल्मों के होली गीत अपने-अपने समय के यादगार गीत बनेंऔर होली के रंग खेलते समय बजते रहें हैं । मदर इंडिया से लेकर बागवान तक के होली के फिल्मी गीतों की लंबी फेरिस्त हैं। मदर इंडिया का " होली आई रे कन्हाई" आज भी बुजुर्ग गुन गुनाते हैं, वहीं बागवान फ़िल्म का गीत "  होरी खेले रघुवीरा, अवध में होरी खेले रघुवीरा" ने एक बार फिर बुजुर्गों में होली का नया जोश भरा वहीं युवाओं को भी खूब लुभाया। उम्र के पड़ाव पर इस होली गीत को अमिताभ बच्चन और हेमामालनी ने रोमांस से भरपूर बना दिया। अमिताभ बच्चन जब गाता है" उम्र चढ़ी है दिल तो जवां है" और हेमा मालनी कहती है" तनिक शर्म नहीं आये गालों पे रंग लगाए देखे न ये अपनी उमरिया" तो दर्शकों के कानों में रस घोल देते हैं।

        "तन रँगलो जी आज मन रँगलो" सत्तर के दशक में आई फ़िल्म कोहिनूर ने भी खास रंग जमाया। उसी वक्क्त की फ़िल्म नवरंग का गीत " जा रे हट नटखट न छेड़ मेरा घूंघट", के साथ-साथ गोदाम एवं फूल और पत्थर फ़िल्म के होली गीत भी लोगों की जुबान पर चढ़े। फ़िल्म कटी पतंग में राजेश खन्ना और आशा पारिख पर फिल्माया गया" आज न छोड़ेंगे हमजोली खेलेंगे हम होली" गीत को भी दर्शकों ने हाथों हाथ लिया। "होली आली रे आली रे" सुनील दत्त की फ़िल्म जख्मी के गीत एवं " फागुन आयो रे" धर्मेंद्र-वहीदा रहमान की फ़िल्म फागुन भी लोगों की जुबान पर चढ़े। फिल्म राजपूत का "भागी रे भागी ब्रिज की बाला" भी होली के गीतों में लोक प्रिय बन गया। 

      जहां "होली आई रे" फ़िल्म मशाल का गीत, "सात रंग में खेले" फ़िल्म आखिर क्यों के होली गीत ने भी लुभाया वहीं फ़िल्म मोहब्बते में गुरुकुल में फिल्माया होली गीत " सोनी सोनी अखियों वाली" भी खासा लोकप्रिय हुआ। इस गीत के माध्यम से छाई प्यार की मस्ती आज तक दर्शकों के दिल पर छाई हैं। फिल्मी होली गीतों का सिलसिला जारी है और मॉडर्न टच लिए "डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली " फ़िल्म वक्त- द रेस अगेंस्ट टाइम में अक्षय कुमार और प्रियंका चोपडा़ पर फिल्माया गये गीत को भी युवाओं ने काफी पसंद किया। फ़िल्म ये जवानी है दीवानी का गीत " बलम पिचकारी "और फिल्म रामलीला का गाना "लहू मुंह लग गया" भी युवाओं में लोकप्रिय हुआ। हिंदी फिल्मों के साथ-साथ राजस्थानी,बृज एवं भोजपुरी भाषाओं में भी अनेक मस्ती भरे फिल्मी होली गीत हैं।आप अपनी पसंद के मस्ती भरे फिल्मी गीतों को चुन कर आप भी होली सेलिब्रेसन को यादगार  बनाईये।


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