प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के लोगों को आश्वासन दिया है कि उन्हें नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। श्री मोदी ने एक ट्वीट में उन्हें आश्वस्त किया कि कोई भी उनके अधिकारों को छीन नहीं सकता और न ही उनकी पहचान, संस्कृति और विकास पर इसका कोई असर पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार असम समझौते की धारा छह के अनुसार लोगों की राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों की संवैधानिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजस्थान में नागरिकता के लिए वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे पाकिस्तान से आए शरणार्थी अब खुश हैं, क्योंकि राज्यसभा में कल नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया है। पाकिस्तान से आए हजारों शरणार्थी पिछले कई वर्षों से नागरिकता पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। पिछले 25 वर्षों से पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की नागरिकता के लिए संघर्ष कर रहे सीमानत लोक संगठन के हिन्दू सिंह सोढ़ा ने कहा कि यह एक खुशी का मौका है और इससे पिछले 19 सालों में भारत आए 25 हजार से अधिक लोगों को फायदा होगा
तेलंगाना में नागरिकता संशोधन विधेयक पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। हैदराबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी और विदेशी भाषाओं के प्रोफेसर वेंकट रेड्डी ने कहा कि देश को बहुत लम्बे समय से इसकी आवश्यकता थी।