इलाहाबाद । बालीवुड के ‘‘मुन्ना भाई’ संजय दत्त के अपने ननिहाल के गांव चिलबिला को गोद लेने की इच्छा जताने के बाद हलचल बढ़ गयी है, कल तक बदहाली के शिकार स्वास्य केन्द्र बुधवार को न सिर्फ चकाचक दिखा बल्कि चिकित्सकों ने बाकायदा मरीजों को देखा।संजय के पिता सुनील दत्त के प्रयास से वर्ष 1998 में चिलबिला में गांव में नवीन स्वास्य केंद्र बनना शुरू हुआ, जो 2004 में पूरा हुआ। इसमें लम्बे समय तक न कोई डाक्टर आया और न मरीजों को इसका लाभ मिला लेकिन पिछले शनिवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर चिलबिला को गोद लेने की इच्छा जताई तो गांव के लोग निहाल हो गए, वहीं लम्बे समय से बदहाली का शिकार स्वास्य केन्द्र में हलचल बढ़ गयी थी। बालीवुड स्टार के पूर्व प्रधान फुफेरे भाई इसरार उर्फ गुड्डू ने बताया कि संजय के गांव को गोद लेने की इच्छा जताने का इतना बड़ा असर हुआ है कि पिछले दो दिनों से अस्पताल में फार्मासिस्ट, लैब सहायक और वार्ड ब्वाय की उपस्थिति नजर आने लगी और मरीजों को देख कर उन्हें दवाईयां भी दी। उन्होंने बताया कि इस बढ़ी हलचल से गांव के लोगों में एक बार फिर से आस की किरण जगी है। उनका कहना है कि गोद लेने की इच्छा जताने मात्र से जब इतनी हलचल बढ सकती है तो गोद लेने के बाद तो यहां निश्चित तौर पर विकास होंगे और सुविधायें भी उपलब्ध होंगी। रामनगर सामुदायिक स्वास्य केन्द्र (सीएचसी) के अधीक्षक शैलेश दुबे ने बताया कि सीएचसी के डाक्टर अवनीश चिलबिला स्थित प्राथमिक स्वास्य केन्द्र (पीएससी) में आज मरीजों को देखकर उन्हें दवाइयां दिलवाई। इसके अलावा अब वहां चिकित्सक और कर्मचारी नियमित बैठें इसके लिए वहां बायोमैट्रिक अटेंडेंस मशीन लगवा दी गयी है जिससे लोग आठ से दो बजे तक ईमानदारी से ड़्यूटी दे सके। अस्पताल में चिकित्सा से संबंधित अन्य सुविधाओं के लिए इलाहाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बातचीत हुई है।श्री दुबे ने बताया कि यहां पर अभी तक कोई एमबीबीएस चिकित्सक की नियुक्ति नहीं है। इलाहाबाद के मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश पर जब तक किसी चिकित्सक की नियुक्ति चिलबिला में नहीं होती, वहां के लिए डा अवनीश को तैनात किया गया है।
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