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10 + 2 की जगह लागू होगी 5+3+3+4 की नई स्कीम

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22 Jun 25
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नवीन राष्ट्रीय शिक्षानीति के तहत आने वाले दो तीन वर्षों में विद्यालय स्तर पर 10 + 2 की जगह 5 + 3+3+4 की नई स्कीम लागू हो जाएगी।  कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ करने के साथ कक्षा 9 से कौशल विकास और इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। उच्च शिक्षा में मल्टीपल एन्ट्री और एक्जीट, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रैडिट की व्यवस्थाओं को छात्रवर्ग तक पहुंचाने के लिए कॉलेजों में जुलाई से कार्यशालाओं का आयोजन होगा। प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में कराने के साथ भारतीय मूल्यों, संस्कृति और परंपराओं का पठन-पाठन नए और परिवर्तित ढांचे का केन्द्र रहेगा। शिक्षानीति क्रियान्वयन हेतु नियुक्त एनईपी नोडल अधिकारी प्रो. राजेश जोशी ने बताया कि शिक्षा के प्रत्येक क्षेत्र में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश नवीन राष्ट्रीय शिक्षानीति का महत्वपूर्ण बिन्दु है। शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है। ज्ञान प्राप्त कराने के साथ छात्रों में व्यावहारिक कौशल विकसित करते हुए क्रिटिकल थिंकिंग, समस्या समाधान, रचनात्मकता, संचार कौशल और डिजिटल साक्षरता आदि हुनर जगाना भी इसके प्रधान लक्ष्य हैं। 

श्री गोविन्द गुरु राजकीय महाविद्यालय बाँसवाड़ा के प्राचार्य प्रो. कल्याणमल सिंगाडा ने बताया कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षानीति को लागू करने में शिक्षण संस्थाओं और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी क्रम में राज्यपाल महोदय के सान्निध्य में कार्यशालाओं में प्राप्त दिशानिर्देशों के अनुसार टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसके माध्यम से पूरे जिले में शिक्षानीति के समग्र प्रबोधन की कार्ययोजना बनाई गई है।

राष्ट्रीय शिक्षानीति के तहत लागू होने वाले नए पाठ्यक्रमों से सामाजिक और भावनात्मक कौशल का विकास आधारभूत लक्ष्य हैं। प्रमुख सॉफ्ट स्किल्स में सांस्कृतिक चेतना और अनुभूति, दृढ़ निश्चय और विश्वास, टीम भावना, नेतृत्व और संचार जैसे गुणों का उन्नयन समयानुकूल है। आत्मनिर्भर भारत के लिए छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है और इसका सशक्त माध्यम शिक्षा, शैक्षिक संस्थाएं और उसके शिक्षक हैं। इसी के मद्देनजर विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में नवीन राष्ट्रीय शिक्षानीति के समग्र प्रबोधन की शृंखला में श्री गोविन्द गुरु राजकीय महाविद्यालय बाँसवाड़ा में एनईपी टास्क फोर्स का गठन हुआ है। इस समिति में जिले के कार्यशील शिक्षकों, आचार्यों, प्राध्यापकों, शिक्षाविदों, प्रधानाचार्यों, निदेशकों और  प्राचार्यों को जोडते हुए एक वृहत समिति बनाई गई है। गोविन्द गुरु राजकीय महाविद्यालय बाँसवाड़ा में आयोजित बैठक में जिले के शिक्षाविदों की टास्क फोर्स में प्रो. सीमा भूपेंद्र, प्रो. सरला पंड्या, माध्यमिक और प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के दोनों डीईओ जयदीप पुरोहित और शबफ अंजुम, प्रो. शफकत राणा, डॉ. राकेश डामोर, लोकेश शाह, लोकेश शर्मा, हरेन्द्र जोशी, विमल चौबीसा, प्रद्युम्न त्रिवेदी, गौतमलाल कटारा,  डॉ. लक्ष्मण सरगडा, प्रो. फतेहसिंह भगोरा, जयप्रकाश नागर, माया सैमसन, सुमन द्विवेदी, रोशन जोशी, परथा दामा, प्रमोद ताबियार, कोदरसिंह सोलंकी, डॉ. सुशील सोमपुरा, राजेंद्र कुमार टेलर, डॉ. विशाल उपाध्याय, डॉ. शैलेश पाठक सहित अनेक गणमान्य शिक्षाविदों और सेवानिवृत्त प्रधानाचार्यों को शामिल किया गया है। टास्क फोर्स समय समय पर व्याख्यान सत्रों, सेमीनार और कार्यशालाओं के द्वारा जिले में शिक्षानीति के क्रियान्वयन में कारगर भूमिका निभाएगी।

 


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